-बहुमंजिला इमारत में मौत की तीसरी घटना, अधिवक्ताओं में आक्रोश
अयोध्या। मुकदमे की पेशी पर आया वादकारी कचहरी की बहु कक्षीय न्यायालय भवन के सातवें मंजिल बेहोश हो गया। आनन फानन में उसे पुलिस वालों ने कचहरी स्थित अस्पताल पहुंचाया। वहां से उसे जिला चिकित्सालय भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने उसे अमृत घोषित कर दिया। बहु मंजिला इमारत में यह तीसरी मौत है।
बीकापुर कोतवाली के पुहुपी गांव के रहने वाले पारस नाथ निषाद कचहरी में पेशी पर आए थे। वह दिलीप निषाद बनाम पारस नाथ निषाद के मुकदमे में पैरवी पर आए थे। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि लिफ्ट में भारी भीड़ होने के नाते सीढी के सहारे सातवीं मंजिल तक पहुंचे थे। वहां उनकी हालत बिगड़ गई। वह बेंच पर लेट गए। इसकी जानकारी वादकारियो के द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय स्वर्णमाला सिंह को हुई। उन्होंने फौरन मुकदमों की सुनवाई बंद करके मौके पर पहुंची।
पुलिस के जरिए पारस नाथ को लिफ्ट से नीचे उतरवा कर कचहरी स्थित अस्पताल ले गई। जहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अधिवक्ता 24 कक्षीय न्यायालय भवन को जानलेवा बता रहे हैं। इस भवन में अब तक दो वादकारी और एक स्टेनोग्राफर की मौत हो चुकी है।
वहां की व्यवस्था के विरोध में अधिवक्ताओं ने नारेबाजी भी की लेकिन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधांशु शेखर उपाध्याय, जज प्रत्यूष आनंद मिश्र, अध्यक्ष सूर्य नारायण सिंह व मंत्री गिरीश चंद्र तिवारी के हस्तक्षेप पर मामला किसी तरह शांत हुआ।