-असलहा और कारतूसों का जखीरा बरामद
अयोध्या। एक शिक्षिका के चर्चित अपहरण मामले में फाइली दोस्त को ढाई लाख रुपए की वसूली न देने पर साजिश के तहत जानलेवा हमले के केस में फंसाने की साजिश के मामले में पुलिस में आरोपी को गिरफ्तार किया है।आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने असलहा और कारतूसों का जखीरा बरामद किया है।
गुरुवार की देर रात अयोध्या कोतवाली के यलो जोन में अशर्फी भवन चौराहे के पास गोली लगने से घायल राजदेव द्विवेदी उर्फ पवन दुबे निवासी नलकूप नंबर 5 के सामने बेगमपुरा कोतवाली अयोध्या के मामले में पुलिस ने पड़ोसी जनपद नवाबगंज के तुलसीपुर मांझा निवासी प्रशांत सिंह तथा नवाबगंज कस्बा निवासी आर्यन भार्गव के खिलाफ जानलेवा हमला और धमकी का केस पंजीकृत किया था। घायल पवन दुबे को उपचार के लिए भर्ती कराया था। घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी के फुटेज खंगालने और स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद पता चला था कि पूरी वारदात सोची समझी साजिश के तहत फंसाने के लिए रची गई है।
दर्ज मुकदमे की विवेचना में जुटे लक्ष्मण घाट चौकी प्रभारी जगन्नाथमणि त्रि पाठी की पुलिस टीम ने शनिवार को पवन दुबे को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने दो देशी तमंचा 315 बोर, एक सिंगल बैरल रायफल, एक एयरगन, एक एअर पिस्टल,एक खोखा कारतूस 315 बोर,एक जिंदा कारतूस 12 बोर, रिवाल्वर का 32 एमएम का 5 कारतूस, पिस्टल का 32 एमएम का एक कारतूस तथा 2 सिल्की खोखा कारतूस बरामद किया है।
प्रभारी निरीक्षक अयोध्या कोतवाली मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि घायल युवक की ओर से दर्ज कराए गए जानलेवा हमला और धमकी के मामले की विवेचना में आरोप झूठे मिले। साक्ष्य और परिस्थितियों के मुताबिक घायल युवक ने फंसाने के लिए साजिश रची थी। साजिश के तहत ही उसने खुद के पैर में गोली मारी थी। पुलिस ने मौके से खून लगा तमंचा बरामद किया था।
साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर जानलेवा हमले मामले में धारा को झूठी शिकायत दर्ज कराने व साक्ष्य को छिपाने में तरमीम किया गया है। आरोपी राजदेव द्विवेदी उर्फ पवन दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने अपना जुर्म कबूल लिया है। घर से असलहा और कारतूस मिलने के चलते अलग से आयुध अधिनियम का केस पंजीकृत कराया गया है।