भविष्य को सुरक्षित व सकारात्मक बनाना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य : प्रो. जगदीश

by Next Khabar Team
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-छात्र-छात्राओं से किया संवाद, विभिन्न प्रक्षेत्रों का भ्रमण कर गायों को खिलाया गुड़

अयोध्या। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार के आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। उनके स्वागत में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के प्रेक्षाग्रह में कार्यक्रम आयोजित हुआ। जल भरो के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। विवि के कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने उन्हें स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्रम भेंटकर उनका स्वागत किया।

विवि अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बतौर मुख्यअतिथि कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने विवि के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हम किसी भी संस्था में कार्य करें, हमारा मुख्य उद्देश्य अपने भविष्य को संरक्षित, शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं सकारात्मक बनाना होना चाहिए। आज हमारी जनसंख्या बढ़ी है और हमारे संसाधन सीमित है। बहुत से लोग काफी लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और इन संसाधनों तक उनकी पहुंच नहीं है।

उन्होंने कहा कि नवाचार और कल्पनाशीलता से ही नए विचार उत्पन्न हो सकते हैं और नए विचारों से ही नए शोध किए जा सकते हैं। इसके लिए छात्रों को शोध के क्षेत्र में जिज्ञासु बनना होगा जिससे कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों, वैश्विक जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण असंतुलन, गरीबी एवं अन्य समस्याओं का सामना किया जा सके। वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक महिलाओं की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है जो लैंगिक समानता बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

प्रो. एम. जगदीश ने छात्रों से अपील किया वे अपना लक्ष्य निर्धारित कर परिश्रम करें। असफलता को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए और सफल व्यक्तियों की जीवनी पढ़कर उससे प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से भी संवाद किया और उनके सवालों एवं शंकाओं का भी समाधान किया।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने शिक्षा, शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया की विवि द्वारा नई शिक्षा नीति अंतर्गत डिप्लोमा सर्टिफिकेट तथा वैल्यू एडेड कोर्स कराए जा रहे हैं जिससे छात्र-छात्राओं को स्वावलंबी बनाया जा सके। विवि ने अबतक 200 से अधिक प्रजातियों को विकसित किया है।

उन्होंने बताया कि धान के क्षेत्र में हम लोग अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विवि में जल भराव से लेकर शुष्क स्थान तक के क्षेत्र के लिए धान की प्रजातियां उपलब्ध हैं। आंवला और बेल की प्रजातियां पूरे विश्व में प्रचलित है। विवि में मुर्गी, मछली, बत्तख, गाय, भैंस आदि का पालन किया जा रहा है। नैक मूल्यांकन में उच्च ग्रेड पाने के बाद विदेशी छात्रों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ है। विवि में लगभग 85 प्रतिशत बच्चे छात्रवृत्ति पा रहे हैं। सामुदायिक महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. साधना सिंह ने कहा कि सामुदायिक विज्ञान विषय जो कि गृह विज्ञान विषय का ही दूसरा नवीनतम नाम है।

डिग्री कार्यक्रम समस्त कृषि विश्वविद्यालयों में एवं नौकरियों के विज्ञापन में गृह विज्ञान के साथ-साथ सामुदायिक विज्ञान एवं फूड न्यूट्रिशन एवं डायटेटिक्स विषय को भी एक विकल्प के रूप में रखा जाना चाहिए। उन्होंने प्रो. जगदीश से यह भी अनुरोध किया कि उक्त विषय को अलग से यू.जी.सी.नेट परीक्षा में सम्मिलित किया जाना चाहिए।

इस दौरान उन्होंने महाविद्यालयों में चल रहे डिग्री कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। अधिष्ठाता डा. भगवानदीन ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का संचालन डा. जेबा जमाल ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, वैज्ञानिक, कर्मचारी सहित 250 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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