-न्याय पाने के लिए नाबालिग संग दर-दर भटक रही विधवा महिला, एक उच्च अधिकारी का रौब दिखाकर भूमि पर शुरू हुआ निर्माण
अयोध्या। सोहावल तहसील क्षेत्र के ग्राम मऊ यदुवंशपुर ग्राम निवासी एक विधवा महिला अपने नाबालिग पुत्र को लेकर न्यायालय व जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटा रही है। लेकिन उसे किसी भी ओर से न्याय की कोई किरण निकलती नहीं दिखाई दे रही है।
उसकी बैनामा की भूमि संख्या 695 व 698 को एक उद्योगपति ने अपने नाम फर्जी तरीके से दर्ज करा लिया है। जब कि उक्त भूमि का पहले से बैनामा लक्ष्मी नाथ सिंह ने भारत भूषण को सन् 1965 में किया था। उसी भूमि का भारत भूषण ने 1974 में चम्पा देवी के नाम कर दिया। उक्त भूमि वरासतन ललिता सिंह व निर्भय सिंह के नाम आ गई।
ललिता सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यहआरोप लगाया कि इसी बीच दौरान चकबंदी एक उद्योगपति ने फर्जी इकरारनामे के आधार पर 1985 में उक्त भूमि चकबंदी में अपने नाम करा ली। जबकि चकबंदी न्यायालय ने मुकदमा खारिज कर दिया था। जब उद्योगपति उस भूमि पर कब्जा नहीं कर सके तो मुझे सिविल कोर्ट में कई मुकदमे दायर कर फंसा दिया।
इधर उसने कुछ दबंगों को उक्त भूमि बेच दी जो एसटीएफ के अमिताभ यश की धौंस दिखाकर मेरी भूमि पर जबरदस्ती कब्जा कर निर्माण करा रहे हैं। ललिता का आरोप है कि उसने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत की किन्तु किसी ओर से मुझे न्याय नहीं मिल रहा है।
उसने प्रशासन से मांग की है कि मेरी भूमि पर किए जा रहे अवैध कब्जे व निर्माण पर रोक लगाई जाय। अन्यथा उसे न्याय पाने के लिए कुछ भी करने को मजबूर होना पड़ेगा।