-अवध विवि में मातृ सम्मेलन का हुआ आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में सेवा पखवाड़ा के तहत प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से कुलपति कर्नल डॉ बिजेंद्र सिंह अध्यक्षता में मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दीदी मां मंदाकिनी श्री रामकिंकर श्रीरामचरितमानस मर्मज्ञ रही।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता के मंत्रोच्चार साथ साध्वी दीदी मंदाकिनी ने कहा कि मां सर्वोपरि है। मां पहली शिक्षक, प्रेरणा और मार्गदर्शन होती है। शक्ति आराधना के इस पर्व पर मातृ सम्मेलन मर्यादा पुरुषोत्तम राम की धरती पर एक अनूठा संयोग है। सभी सनातन धर्मावलंबी किसी न किसी रूप में देवी आराधना से जुड़े हुए हैं।
हमारा पालन करने वाली मां का महत्व किसी भी देवी देवता से कम नहीं। अयोध्या दुनिया की ऐसी मातृभूमि है जहां पर स्वयं विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम का जन्म हुआ। दूसरा महत्व सबसे बड़ा अयोध्या का यह कि इसी धरती पर बाबा तुलसीदास ने श्री रामचरितमानस की रचना की जो आज यूनेस्को द्वारा एक संरक्षित ग्रंथ के रूप में विद्यमान है।
दीदी मंदाकिनी ने कहा कि दुनिया को अयोध्या से बड़ी अपेक्षा है। हमें स्वराज मिल गया है अब रामराज्य की ओर बढ़ना है। मातृ सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रभु श्री राम राष्ट्र मंगल के प्रतीक है। श्रीरामचरितमानस एक वैश्विक निधि है। अयोध्या प्रभु राम की संस्कारशाला है। भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व राम ने किया है। यदि मां का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए तो दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं है।
कुलपति ने कहा कि भगवान राम के चरित्र से सभी युवा यह शिक्षा ले कि वे अपने माता-पिता के प्रति सदैव सम्मान का भाव रखेंगे। कुलानुशासक प्रो एसएस मिश्रा ने भी छात्रों का संबोधन किया। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. नीलम पाठक ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक कर्मचारी मौजूद रहे।