Breaking News

कोर्सेस की डिजाइन में रखा जाए इंडस्ट्रीज की डिमांड का ख्याल

इंडस्ट्रियल एकेडमिया इंटरफेस चैलेंज एंड अपॉरच्युनिटी विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में इंडस्ट्रियल एकेडमिया इंटरफेस चैलेंज एंड अपॉरच्युनिटी विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग व मैनेजमेंट एल्युमिनाई एसोसिएशन के तत्वावधान में हुई संगोष्ठी के मुख्य अतिथि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री व शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों के गैप को खत्म खत्म करना होगा। बेरोजगारी की बड़ी वजह भी यही अंतर है। एक तरफ बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा हैं तो दूसरी ओर इंडस्ट्रीज को जो चाहिए, वो नहीं। इसलिए कोर्सेस को डिजाइन करते समय इंडस्ट्रीज की डिमांड का ख्याल रखना होगा। इससे पहले प्रो. सिंह व अविवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
अविवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि कैंपस को सीधे तौर पर इंडस्ट्रीज से जोड़ने की आवश्यकता है। प्रो. दीक्षित ने बताया कि हमें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि भारत के विवि दुनिया के टॉप सौ विश्वविद्यालयों में नहीं हैं। इसकी वजह हमारी और उनकी परिस्थिति का अलग-अलग होना है। बेरोजगारी की समस्या पर भी उन्होंने अलग नजरिया रखा। कहा, हमें मात्र कर्मी बनने भर के उद्देश्य से आगे बढ़ना होगा। जीवन यापन के बजाए जीवन जीने की धारणा पर बढ़ना होगा।
विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरएन राय ने कहा विवि के एमबीए पाठ्यक्रम में इंडस्ट्रीज की मांग के अनुसार बदलाव भी किया गया। यही वजह है कि विवि के एमबीए के विद्यार्थियों में ज्यादातर उच्च पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हमें सौ प्रतिशत उत्पादकता की ओर बढ़ना होगा, क्योंकि वेस्ट का कोई मूल्य नहीं होता। प्रो. अशोक शुक्ला शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों में व्यापक बदलाव पर जोर दिया और कहा कि अंतरविषयी पढ़ाई पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा यूएस में किसी भी विषय से पीजी करने के बाद भी चिकित्सक की पढ़ाई की जा सकती है, जबकि हमारे यहां जिस विषय में परास्नातक है, सिर्फ उसी में आगे बढ़ा जा सकता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने सेमिनार के उद्देश्य को रखा। कहा, इस संगोष्ठी का मकसद इंडस्ट्री और शैक्षिक संस्थान को एक मंच पर लाना है, जिससे विद्यार्थियों को औद्योगिक क्षेत्र में आ रहे बदलाव के बारे में जानकारी मिल सके। प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार जताया। इस मौके पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. आशुतोष सिन्हा, डॉ. राना रोहित सिंह, डॉ. आरके सिंह, विवि पुरातन छात्र परिषद के अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीश अस्थाना, सचिव डॉ. दीपा सिंह, कोषाध्यक्ष कपिलदेव चैरसिया, कर्नल (रि) एसपी मलिक, मनीष मिश्रा, डॉ. पंकज अग्रवाल, सुरेंद्र मोहन, दुर्वेश सिंह, प्रेम बहादुर सिंह आदि थे।

इसे भी पढ़े  एचआईवी पीड़ित बंदी की इलाज के दौरान मौत

Leave your vote

About Next Khabar Team

Check Also

श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद से 98 करोड़ की 23 परियोजनाओं की मिली स्वीकृति

मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में हुई नियोजन एवं विकास समिति की बैठक अयोध्या। श्री अयोध्या जी …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.