-एक रुपए की पर्ची पर ओपीडी में लिखी जा रही हजारों रुपये की बाहरी दवाएं
कुमारगंज। सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में मरीजों के साथ आर्थिक शोषण का मामला सामने आया है। अस्पताल में एक रुपए की पर्ची पर इलाज कराने आने वाले मरीजों को चिकित्सक बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अस्पताल में प्रतिदिन पांच सौ से सात सौ मरीजों की ओपीडी होती है। चिकित्सक मरीजों को तीन सौ रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक की बाहरी दवाएं लिख रहे हैं। ये दवाएं केवल अस्पताल के सामने स्थित मेडिकल स्टोर पर ही उपलब्ध हैं।
इलाज कराने आए कुबेर नामक मरीज ने बताया कि उनके हाथ में दर्द था और डॉक्टर ने तीन सौ रुपए की बाहरी दवा लिख दी। डॉक्टर का कहना था कि अस्पताल की दवाओं से वे ठीक नहीं होंगे। एक अन्य मरीज को चार सौ साठ रुपए की बाहरी दवा लिखी गई। हलियापुर की मंजू सिंह को पांच सौ रुपए की दवा लिखी गई।
राकेश सिंह को 12 सौ रुपए की दवा लिखी गई, लेकिन पैसे न होने के कारण वे दवा नहीं खरीद पाए। मालती तिवारी को पांच सौ रुपए की बाहरी दवा लिखी गई। रानीगंज पूरव गांव के उमाशंकर ने बताया कि उनके पैर में मामूली समस्या थी, लेकिन डॉक्टर ने दो सौ रुपए की दवा लिख दी, जिसे वे खरीद नहीं पाए।
मरीजों का कहना है कि वे एक रुपए के पर्चे पर इलाज कराने आए थे, लेकिन डॉक्टरों ने हजारों रुपए की दवाएं लिख दीं। अस्पताल में आए मरीजों ने कहा कि हम तो सोचे थे यहां पर बढ़िया इलाज होता है लेकिन यहां तो डॉक्टर साहब डकैती डाल रहे हैं। इससे ठीक तो झोला छाप डॉक्टर ही रहते हैं।
एक मेडिकल स्टोर संचालक ने गुमनाम रहने की शर्त पर बताया कि पहले उन्हें दवा बेचने के लिए 35 से 40 प्रतिशत कमीशन डॉक्टरों को देना पड़ता था, जिसके कारण उन्होंने अपना मेडिकल स्टोर बंद कर दिया है। बाहर से लिखी जा रही दवावों की जानकारी के लिए अस्पताल के सीएमएस डॉ. रवि पांडेय से बात करने का प्रयास किया गया तो पता चला कि प्रशिक्षण पर गए है जिसके कारण उनसे इस विषय पर बात नहीं हो सकी। जिलाधिकारी अयोध्या ने कहा कि यदि ऐसा हो रहा है तो कार्यवाही की जाएगी।