रामायण मेले से भगवान राम के चरित्र और आदर्शों को जन जन तक पहुंचाने में होती है आसानी : अनुज कुमार झा
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में चल रहे चार दिवसीय 38वें रामायण मेले का समापन करते हुए मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा की राम विवाह के अवसर पर अयोध्या में आयोजित होने वाले । रामायण मेले के इस मंच से देश के कोने कोने से आए विद्वान संतो को अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को उनके आशीर्वचन प्राप्त होते हैं जिससे देश में सद चरित्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में ऐसा सौहार्द रहेगा यह मुझे भी विश्वास नहीं होता था लेकिन अयोध्या के सौहार्द का संदेश देश में ही नहीं पूरे विश्व में गया और इसकी बानगी हमें भी बधाई के रूप में मिलती रहती है फैसला आने के पूर्व जब लोग कहते थे कि अयोध्या के लोगों आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं अगर बाहरी कोई ना आए ऐसा ही हुआ और मुझे तो संतों का आशीर्वाद मिलता रहता है और मैं माता जानकी के घर मिथिला का हूं मुझे भगवान राम के विवाह के बारे में सारी पद्धति मालूम है आज भी उसी पद्धति से पूरे देश में विवाह होता है जैसे कि मिथिला में भगवान श्री राम और माता जानकी का हुआ था।
डीएम ने कहा मैं बचपन में अयोध्या अपने पिताजी के साथ आया था शाम को देर हो रही थी जल्दी-जल्दी में रामलला का दर्शन किया और जब बाहर गलियों से निकला तो मुझे ऐसा एहसास हुआ कि रामला भी हजारों वर्ष पहले इसी गलियों में ऐसे घूम रहे होंगे उस सुखद अनुभव को दोबारा मुझे इस रूप में अवसर मिला और मैंने महसूस किया कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी है यहां लाखों लोग स्नान करने परिक्रमा करने आते हैं और शांति से चले जाते हैं ऐसी अद्भुत नगरी पूरे भारत में मैंने कहीं नहीं देखी यहां के साधु संत और रहने वाले लोग बहुत ही अच्छे सौहार्द और शांति से सभी कार्य को मिलजुल कर करते है। अयोध्या पर प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है की अयोध्या को विश्व की सर्वश्रेष्ठ नगरी बनाया जाए और आप लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि आने वाले दो-तीन सालों में इसकी रूपरेखा दिखाई देने लगेगी।
रामायण मेला समिति के अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि यह पावन कार्य अनवरत 38 वर्षों से मां सरयू के पावन तट पर आयोजित हो रहा है इससे सुदूर जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को कई लाभ हो जाता है, भगवान राम का पावन विवाह देखते है, और रामायण मेले में संतों की वाणी सुनते है, रामलीला देखते है और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम देख कर अपने को धन्य करते हैं। रामायण मेले का 38 वर्ष से अनवरत आयोजन करने वाले सभी लोग बधाई के पात्र है और मैं उनको साधुवाद देता हूं। रामायण राम मंगल दास ने कहा वेद शास्त्रों में केवल उपदेश दिए गए हैं रामायण में उपदेशों को पात्रों द्वारा चरित्रार्थ करके दिखाया गया है इसीलिए इस कलिकाल में रामायण की महत्ता अन्य ग्रंथों की अपेक्षा अधिक है उसमें राम नाम का महत्व सबसे अधिक है केवल राम के नाम से ही मनुष्य के सभी काम पूरे हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण नदी का स्वरूप है और प्रभु श्रीराम उसने बहते हुए जल के स्वरूप में विद्वान और माता सीता सती शिरोमणि हैं जब जल इधर-उधर से बहकर आने वाले कूड़ा करकट से गंदा हो जाता है तो वह उसे अपने तब से साफ कर देती हैं। नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा विवाह के अवसर पर रामायण मेले का आयोजन सरयू तट पर अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को राम के चरित्र को जानने का सबसे उत्तम माध्यम है क्योंकि रामायण मेले में देश के मूर्धन्य विद्वान अपने बातों को सरल भाषा में रखकर आने वाले श्रद्धालुओं को बताते हैं रामायण मेले से राम के चरित्र का गुणगान पूरे देश में पहुंचता है यही रामायण मिली की सार्थकता है। उदासीन आश्रम रानो पाली के महंत डॉ भरत दास ने कहा कि जब तक परमात्मा की कृपा नहीं होती है तब तक कोई मनुष्य सत्संग नहीं कर सकता शास्त्रों को सुनकर जाना जा सकता है लेकिन अनुसरण करने के लिए ऐसे गुरु की आवश्यकता होती है जो इसमें रम करके इसकी सार्थकता को समझ चुका हो। श्री दास ने कहा वह मनुष्य उपदेश नहीं दे सकता जिसने पहले उपदेश को सदगुरुओं से प्राप्त ना किया हो।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि अयोध्या जिलाधिकारी अयोध्या ने सभी संतो के साथ दीप प्रज्वलन कर भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण किया इसके उपरांत रामायण मेला समिति अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने मुख्य अतिथि को मानस का एक सेट वेट किया जिसमें रामचरितमानस कवितावली सहित अन्य ग्रंथ थे। समिति के महासचिव शीतला सिंह ने राम दरबार कोषाध्यक्ष दीपचंद वर्मा ने बुके, समिति के उपाध्यक्ष महंत नारायण आचार्य और वशिष्ठ पीठाधीश्वर शरद त्रिपाठी ने उत्तरी भेंट कर जिलाधिकारी अनुज झा का अभिवादन। महासचिव शीतला सिंह ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन कमलेश दास ने किया इस अवसर पर मंत्री नंद कुमार मिश्रा पेडा महाराज, नागा रामलखन दास, महंत अरुण दास, सहित सैकड़ों संत महंत और श्रद्धालु उपस्थित रहे।