-अविवि में पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां एवं सम्भावनाएं विषय पर आयोजित हुआ व्याख्यान
अयोध्या। पत्रकारों को संविधान में मिली स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता करनी चाहिए। आने वाला समय डिजिटल मीडिया का है। इसमें पारंगत होने के साथ तकनीकी पक्ष से जागरूक होना होगा। उक्त वक्तव्य डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में मंगलवार को पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां एवं सम्भावनाएं विषय पर मुख्य वक्ता भारतीय प्रेस परिषद की सदस्य एवं संपादक डॉ. सुमन गुप्ता ने कही।
उन्होंने कहा कि आज के पत्रकारिता में कलम और कॉलम दोनों का होना जरूरी है। पत्रकारिता का क्षेत्र परिश्रम और संघर्षों से भरा है। इसमें सफलता तभी मिलेगी जब स्वयं की शैली विकसित करेंगे। इसके लिए भाषा पर पकड़ बनानी होगी। उन्होंने बताया कि प्रिंट मीडिया विश्वसनीयता पर आधारित है। वहीं सोशल मीडिया में इसकी कमी है। सोशल मीडिया में प्राप्त खबरों की विश्वसनीयता जॉच कर विश्वास करें। डॉ. सुमन गुप्ता ने छात्रों से कहा कि पत्रकारिता के समक्ष कई चुनौतियां है। चुनौतियों को स्वीकार करते हुए सामाजिक सरोकार के मुद्दे को उठाये। विभाग के समन्वयक डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की स्वस्थ्य परम्पराओं को पोषित करती है। इसके लिए छात्रों को विषयवस्तु की सत्यता एवं प्रमाणिकता की समझ विकसित करनी होगी।
कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक डॉ. अनिल कुमार विश्वा, डॉ. आरएन पाण्डेय एवं छात्राओं ने मुख्य वक्ता डॉ. सुमन गुप्ता को अंगवस्त्रम भेटकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर अंशुमान तिवारी, चन्द्रभूषण मिश्रा, शंशाक यादव, सुरभि गोस्वामी, आशु शुक्ला, गीताजंलि शर्मा, प्रगति ठाकुर, प्रणीता राय, श्रेया मौर्या, प्रशांत पाण्डेय, निलेश दूबे, शैलेश यादव, जग्गनाथ मिश्र, शेखर भारती सहित अन्य उपस्थित रहे।