-“वेदपदार्थनिरूपणम् “ विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी
अयोध्या। का. सु.साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के द्वारा “वेदपदार्थनिरूपणम् “ विषय पर द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके प्रथमदिन मुख्यअतिथि व मुख्य वक्ता प्रो. देवेंद्र प्रसाद मिश्र, कुलानुशासक व अध्यक्ष वेद विभाग, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली रहे और सारस्वत अतिथि के रूप में प्रो. तुलसी दास परौहा संकायाध्यक्ष संस्कृत साहित्य संकाय महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन रहे, आज संगोष्ठी के प्रथम दिवस पर आप दोनों का ही व्याख्यान हुआ जिसमें सर्वप्रथम आचार्य परौहा सर ने वेद को बतलाते हुए धर्म का निरूपण किया, धर्म क्या है इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए ,सर ने जैमिनि के “अथातो धर्म जिज्ञासा“सूत्र के साथ-साथ यज्ञादिरेव धर्मः से परिभाषित किया ।
इसके पश्चात अपने वक्तव्य का समापन रामो विग्रहवान् धर्मः इस वाक्य से किया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि व वक्ता प्रोफेसर देवेंद्र प्रसाद मिश्र ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वेद का तात्पर्य केवल वेद ही नहीं बल्कि संहिता, आरण्यक, उपनिषद, पुराण सब कुछ है। वेद केवल चारों वेदों तक ही सीमित नहीं है बल्कि समग्र संसार का साहित्य वेद में समाहित है। इसके बाद चार प्रकार के कर्मों को उन्होंने विस्तार से स्पष्ट किया और अनेक युक्तियों से वेद विषय को बतलाई और समाज की परिभाषा को बताया। समाज क्या है और किसे कहते हैं इसकी अनेक प्रकार से चर्चा करते हुए साकेत महाकाव्य की उक्तियों के साथ जिसमें लक्ष्मण और उर्मिला के प्रसंग का उदाहरण देते हुए अपने व्याख्यान का समापन किया। इसके पश्चात प्रो. अशोक कुमार मिश्र सर ने वेद के विषय में बताते हुए रामचरितमानस की पंक्तियों को उद्धृत किया ।
राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार सिंह ने दोनों ही विद्वानों की भूरिशः प्रशंसा करते हुए अपने कॉलेज में पधारने को धन्य बताया और द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की सफलता की कामना किया। अतिथियों का स्वागत संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव श्री रामलाल विश्वकर्मा ने अतिथि परिचय दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ रवि कुमार चौरसिया ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर सरोज, प्रोफेसर प्रणय कुमार त्रिपाठी, प्रोफेसर डी एन सिंह प्रोफेसर पवन कुमार सिंह डा जगदीश प्रसाद वर्मा, डॉ सुधीर राय डॉ अरविंद कुमार शर्मा डा छाया सिंह डॉ रीमा सोनकर डॉ शशि सिंह डॉक्टर सुरभि पाल डॉ. पूनम जोशी डा संतलाल डॉक्टर संदीप वर्मा डॉ अविनाश तिवारी डॉ रीता सिंह डॉक्टर रीता दुबे डा ऋचा पाठक डॉ आशीष विक्रम सिंह डॉ बृजेश कुमार डॉ. अखिलेश कुमार के साथ ही महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक मौजूद रहे। इस अवसर पर अनेक शोधच्छात्र एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।