अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में चयनित के0 टी0 पब्लिक स्कूल, व एच0सी0जे0 एकेडमी का लिया जायजा
अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि विभिन्न बसों से आने वाले श्रमिकों/व्यक्तियों को सर्वप्रथम राजकीय इण्टर कॉलेज, अयोध्या में लाया जायेगा जहाँ पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर सम्बन्धित तहसील के अस्थायी आश्रय स्थलों पर भेजा जायेगा। राजकीय इण्टर कॉलेज से आश्रय स्थलों पर भेजने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालयों की 05 बसों का अधिग्रहण कराकर में खड़ा करायेंगे। इसी प्रकार जब 14 दिन की कोरंटाइन अवधि पूर्ण करने के उपरान्त पुनः स्वास्थ्य परीक्षण कराकर आश्रय स्थल से उनके घरों को भेजा जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद में औसतन 15000 व्यक्तियों के ठहराने की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा यह निर्देश दिये गये कि विभिन्न चरणों में आने वाले 15000 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था हेतु प्रथम चरण में प्रत्येक तहसील में कम से कम 03 ऐसे बड़े विद्यालयों को चिन्हित कर लिया जाय जो मुख्य मार्ग के किनारे हों और जिनमें कुल मिलाकर 1000 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चिन्हित विद्यालय में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करायी जाय। इस हेतु नगर निगम के अन्तर्गत आने वाले अस्थायी आश्रय स्थलों में सफाई व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नगर आयुक्त द्वारा सुनिश्चित करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के आश्रय स्थलों में सफाई व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था हेतु प्रत्येक आश्रय स्थल पर कम से कम 02 मजदूर लगाये जायं जो कमरों, किचन की सफाई करने के साथ-साथ शौचालयों की सफाई दिन में कम से कम 03 बार सुनिश्चित करेंगे। अस्थायी आश्रय स्थलों में शौचालयों की कमी होने की दशा में मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करायी जाय। यदि इससे भी आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती है तो शासन द्वारा निर्धारित दरों पर शौचालयों का निर्माण कराया जाय। आश्रय स्थलों में ठहरे व्यक्तियों को उत्तम गुणवत्ता का भरपेट शाकाहारी भोजन सुनिश्चित कराने हेतु हलवाई/कैटर्स का चयन कर लिया जाय। ऐसे चयनित सभी कार्मिकों का पहले स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया जाय तथा उन्हें मास्क, ग्लव्स एवं कैप उपयोग हेतु उपलब्ध कराया जाय जिसका इनके द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जायेगा। सभी आश्रय स्थलों में जलापूर्ति की समुचित व्यवस्था हो तथा प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक बोतल भी उपलब्ध कराया जाय। अस्थायी आश्रय स्थलों में विद्युत की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि किसी आश्रय स्थल में विद्युत कनेक्शन न हो तो ऐसे आश्रय स्थल में अस्थायी विद्युत कनेक्शन लेने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय। पूर्व से विद्युत कनेक्शन होने की दशा में विद्युत मीटर की रीडिंग नोट कर ली जाय। सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन आश्रय स्थलों में विद्युत कनेक्शन अथवा विद्युत मीटर न लगे हों, वहाँ पर उक्त व्यवस्था करायेंगे। प्रत्येक अस्थायी आश्रय स्थल पर समुचित सुरक्षा-व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय। विभिन्न प्रदेशों से आने वाले ऐसे श्रमिकों, जिनका पंजीयन श्रम विभाग में नहीं है, उप श्रमायुक्त उनका पंजीयन आश्रय स्थल पर जाकर सुनिश्चित करायेंगे जिससे सभी श्रमिकों को 1000-1000 रू0 की सहायता राशि प्रदान की जा सके। इस प्रकार किये गये भुगतान की सूचना प्रतिदिन उप श्रमायुक्त द्वारा उपलब्ध करायी जाये।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी (कानून-व्यवस्था) एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नोडल अधिकारी के रूप में पर्यवेक्षण का कार्य पूर्व से किया जा रहा है। इनके सहयोग हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अयोध्या को भी लगाया गया है। इसी प्रकार तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में सम्बन्धित उप जिलाधिकारी उत्तरदायित्व का निर्वहन करेंगे तथा ब्लॉक स्तर पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी नोडल होंगे एवं सभी आश्रय स्थलों पर 08-08 घण्टे की ड्यूटी हेतु बी0आर0सी0 एवं 02 अन्य कार्मिकों को लगायी गयी है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) जैसी महामारी के दृष्टिगत सभी अस्थायी आश्रय स्थलों में लेटने, सोने, खाना खाने तथा परिसर के अन्दर टहलने के दौरान कम से कम 02 गज की दूरी की सोशल डिस्टेंसिंग का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी पी0 डी0 गुप्ता, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जी0 एल0 शुक्ला, अपर जिलाधिकारी (कानून-व्यवस्था) जे0 पी0 सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक आर0 बी0 एस0 चौहान, उप जिलाधिकारी सदर आयुष चौधरी, तहसीलदार सदर प्रमेश कुमार व नायब तहसीलदार (नगर) अविचल प्रताप सिंह उपस्थित थे।