-अवध विश्वविद्यालय में गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी संस्थान में गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विवि सलाहकार समिति के अध्यक्ष व मुख्य नियंता प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं से कहा कि वर्तमान दौर नवाचार का है इसमें अधिक से अधिक रिसर्च करें। जिससे समाज एवं लोगों को इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि गुरु एवं शिष्य का एक पवित्र रिश्ता होता है। गुरु जो व्यवहारिक ज्ञान छात्रों को देता है। उसका उपयोग करके समाज का उत्थान कर सकता है। प्रो0 सिंह ने छात्रों से कहा कि स्वस्थ मन से पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे और माता और पिता का मान बढ़ाये। कार्यक्रम में मुख्य नियंता प्रो0 सिंह ने कहा कि गुरु का सम्मान करना हम सभी का परम कर्तव्य है। क्योंकि गुरु के दिए ज्ञान और संस्कार से ही शिष्य ज्ञानी बनता है। गुरु की महत्ता बताते हुए प्रो0 सिंह ने कहा कि प्राचीन धर्मग्रन्थों में भी गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान बताया गया है। एक व्यक्ति गुरु का ऋण कभी नहीं चुका पाता। क्योंकि गुरु के ज्ञान का कोई तोल नहीं होता है। गुरु के बिना जीवन शून्य होता है। गुरु की अपने शिष्यों के प्रति कल्याण की भावना होती है। इसलिए गुरू को श्रेष्ठ कहा गया है।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने मनुस्मृति का उद्धरण देते हुए कहा कि उपनयन संस्कार के बाद विद्यार्थी का दूसरा जन्म होता है, इसीलिए उसे द्विज कहा जाता है। शिक्षापूर्ण होने तक गायत्री उसकी माता तथा आचार्य उसका पिता होता है। पूर्ण शिक्षा के बाद वह गुरुपद प्राप्त कर लेता है। कार्यक्रम का संचालन इं0 रमेश मिश्र द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 सुधीर प्रकाश श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर संस्थान के डॉ0 वंदिता पांडेय, डॉ0 प्रियंका श्रीवास्तव, इं0 चन्दन कुमार, इं0 रवि प्रकाश पांडेय, इं0 प्रवीण मिश्र उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।