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गौशाला में भूख से तड़प रहे गोवंश, प्रशासन बेखबर

-मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के परसवां मे लगभग 150 गोवंश

मिल्कीपुर। प्रदेश सरकार की ओर से बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए लाखों रूपये खर्च कर जगह-जगह पशु आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया है ।पशुओं को खाने के लिए हरा चारा भूसा की व्यवस्था की गई है ।इसके बाद भी धरातल पर जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं । गौशाला में पर्याप्त मात्रा में हरे चारे की व्यवस्था नहीं है। और ना ही भूसे की ही व्यवस्था है। ऐसे में गोवंश भूख से तड़पने को विवश है।

मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के परसवां मे लगभग 150 गोवंश है जिनको खाने के लिए लगभग 2 कुंटल भूसा एवं 2 बोरी चूनी चोकर रखा हुआ है । जब परसवां गौशाला आश्रय अस्थल पर दोपहर में पहुंचकर देखा गया तो वहां पर एक ठेले पर लगभग डेढ़ सौ मवेशियों को खिलाने के लिए चरी मंगाई गई थी जिसे बिना कटाई के ही खुले आसमान में फेंक दिया गया । थोड़े से हरे चारे के लिए छोटे बड़े सभी गोवंश अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करते दिखे।पशुओं की देखरेख के लिए लगे केयरटेकर काली प्रसाद, रामअधार, खुशीराम बताया कि यदि हम चारा कटाई करके देते हैं तो सभी पशुओं के पास नहीं पहुंच पाएगा लेकिन जब हम इसे खड़े ही जमीन पर बिखरा देंगे तो थोड़ा-थोड़ा सभी को मिल जाएगा।

वही लगभग 8 से 10 की संख्या में गाय के छोटे छोटे बछड़े हैं जिनके लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दी। हरे चारे भी उनके पहुंच से दूर हैं। केंद्र पर मौजूद केयरटेकर से जब पशुओं की उपस्थिति पंजिका के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि पशुओं के उपस्थिति पंजिका का कोई रजिस्टर नहीं है।

इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी मिल्कीपुर मनीष मौर्या से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि आज मैं 10ः00 बजे स्वयं मौके पर गया था भूसा नहीं है भूसा मंगवाया गया है शाम तक आ जाएगा । हरा चारा पशुओं को दिया जा रहा है। मेरे सामने तीन ठेला हरा चारा पशुओं के लिए आया था जबकि वहां पर मौजूद केयरटेकरों का कहना है कि एक ठेला दोपहर का तथा एक ठेला शाम हरा चारा खड़ा ही दिया जाता है।

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