– सजा के बाद मुकदमा दर्ज कर चालान का मामला
अयोध्या। अयोध्या कोतवाली पुलिस को काजी खानापूर्ति बुधवार को भारी पड़ी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी युवक का पुलिसकर्मी को गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में रिमांड लेने से इनकार कर दिया। अदालत ने बाकी धाराओं में रिमांड लेकर आरोपी को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में कारागार रवाना किया है। मामला वाहन खड़ा करने को लेकर पहले सजा और फिर मुकदमा दर्ज कर युवक के चालान से जुड़ा है।
मंगलवार को अयोध्या कोतवाली क्षेत्र में हनुमानगढ़ी चौराहे के पास बलरामपुर से बजरंगबली का दर्शन पूजन करने आए एक परिवार की ओर से सड़क किनारे वाहन खड़ा किए जाने के मामले में स्थानीय युवक अंगद निषाद और यातायात पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया था। विवाद बढ़ने के बाद मौके पर इलाकाई पुलिस और उधर से गुजर रही पीएससी के वाहन पर सवार जवान भी पहुंच गए थे। बाप विवाद बढ़ने के बाद यातायात कर्मियों तथा पुलिसकर्मियों ने कोतवाली क्षेत्र के साले का पुरवा माझा बरेटा निवासी युवक अंगद निषाद की दिनदहाड़े लात घुसो से पिटाई की थी। इसके बाद अयोध्या कोतवाली पुलिस ने युवक के खिलाफ लोक सेवक से मारपीट गंभीर रूप से चोट पहुंचाने गाली गलौज और जान से मार देने की धमकी के मामले में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी का चालान किया था। बुधवार को आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष रिमांड के लिए प्रस्तुत किया गया। अदालत ने विवेचक की ओर से प्रस्तुत केस डायरी और अन्य कागजातों का अवलोकन किया और पाया कि युवक की ओर से लोक सेवक को गंभीर क्षति पहुंचाने के साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। मामले को संगीन बनाने के लिए मुकदमे में आईपीसी की धारा 333 बढ़ाई गई जिसमें 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। अदालत ने उपलब्ध साक्ष्य के मद्देनजर लोक सेवक को हमला कर गंभीर रूप से क्षति पहुंचाने के मामले में रिमांड देने से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत लोक सेवक पर हमला गाली गलौज और जान से मार देने की धमकी की धारा में रिमांड मंजूर करते हुए आरोपी को 26 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। तारीख पेशी और सुनवाई के लिए अदालत ने अगली तिथि 26 मार्च तय की है।