-श्रद्धालु सुविधा केन्द्र(PFC) लॉकर सेवा, अंगद टीला का किया निरीक्षण
अयोध्या। श्रीराम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दूसरे दिन मंगलवार को भी बैठक की। जिसके बाद श्रद्धालु सुविधा केन्द्र (PFC), लॉकर सेवा तथा अंगद टीला एवं कुबेर टीला का निरीक्षण किया एलएनटी सभाकक्ष में सभी इंजीनियरों के साथ बैठक में मन्दिर के निर्माण कार्य में श्रमिकों की कमी अभी भी बरकरार होने की बात सामने आई है।
बैठक में कार्यदायी संस्था एल&टी से कहा गया की श्रमिकों की संख्या बढ़ाया जाए। जो कार्य पूर्ण हुए हैं उन्हें 15 दिन के अंदर ट्रस्ट को सौंप दिया जाए। बैठक में राम मंदिर परिसर में 20 एकड़ जमीन पर वनस्पति सौंदर्य पार्क बनाने पर चर्चा हुई। मंदिर का भूतल प्रथम और द्वितीय तल के अंदर आइकोनोग्राफी का कार्य मार्च तक पूरा होने की जानकारी दी गई।
रामदरबार का मार्च तक किया जाएगा प्रतिष्ठा
बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक मार्च तक ही प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा की जाएगी।द्वितीय तल के गर्भ गृह में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के रामायण जो आसानी से उपलब्ध नहीं होते उनका रखा जाएगा।
मंदिर में लगे 370 पिलर पर जो मूर्तियां बनाई जा रही है उनका कार्य भी जल्द पूर्ण होने की उम्मीद जताई गई है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, फायर पोस्ट भवन व इलेक्ट्रिकल सर्विसेज भवन को 15 दिन के अंदर ट्रस्ट को हैंडओवर किए जाने की बात कही गई है। बताया गया कि अधिकतम कार्य सितंबर तक हो पूर्ण हो जाएंगे। यह जानकारी निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने दी है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से निर्माण कार्य में बाधा
महाकुंभ के चलते अयोध्या में औसतन प्रति दिन दो लाख के ऊपर श्रद्धालु आ रहे है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से निर्माण कार्य में थोड़ी सी बाधा आ रही है। चेयरमैन ने कहा कि हमा
कुछ जगहों पर श्रद्धालुओं के हित में निर्माण कार्य रोकना पड़ा है। अनुमान है कि 4 फरवरी तक कार्य शुरू नहीं हो पाएगा। ऐसा अनुमान हमें पहले भी था कि निर्माण कार्य में करीब 15 दिनों तक कठिनाई आयेगी। राम जन्मभूमि परिसर के निर्माण का कार्य पर चर्चा करते हुए अध्यक्ष ने बताया कि भव्य राम मंदिर के शिखर निर्माण, परकोटा और उनमे बनने वाले छह मंदिर और 11 अन्य देवी देवता और ऋषि मुनियों के भी मंदिरों का निर्माण काम अंतिम चरण में चल रहा है।
कहा कि लोवर प्लीथ पर जो राम कथा का कार्य हुआ है। जो पत्थर के म्यूअरल बनाएं गए है और जो परकोटे में ब्रांस के म्यूअरल बनाएं गए उनको पुणे से आए आर्टिस्ट वासुदेव कामत जी ने देखकर अपनी राय दी है। उस पर भी काम किया जा रहा है।