-अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान ने अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के शहादत स्थल शहीद कक्ष में प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
अयोध्या। अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान ने अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के शहादत स्थल शहीद कक्ष जिला कारागार में माल्यार्पण कर काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत किया। संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय अपने साथियों के साथ सुबह शहीद कक्ष पहुंच कर अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने सरकार द्वारा काकोरी एक्शन शताब्दी के प्रति उदासीनता की आलोचना करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों को भुलाने की यह सोची समझी रणनीति है। सरकार क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास पर पर्दा डालने में लगी है। उन्होंने कहा कि इतिहास बदलने की कोशिश को नाकाम करना ही संस्थान का मकसद है। संस्थान के सदस्यों ने शहीद उद्यान जाकर काकोरी एक्शन के चारों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया और उनके योगदान पर भी चर्चा किया।
संस्थान विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा 19 दिसंबर तक काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह मनाने के क्रम की आज विधिवत शुरुआत किया। अगला आयोजन 2 नवंबर को किस्सागोई किया जाएगा।इस मौके पर संस्थान के कोषाध्यक्ष अब्दुल रहमान भोलू, विकास सोनकर, रुद्र प्रताप पाण्डेय,उत्पल पाण्डेय, तौफीक अहमद,शानू रहमान, मुशर्रफ खान आदि मौजूद थे।
भाकपा नेताओं ने मनाया शहीद अशफाक उल्ला खां का जन्मदिवस
अयोध्या। भाकपा एवं भाकपा (माले) नेताओं ने अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के जन्मदिवस पर फैज़ाबाद मण्डल कारागार स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। ज्ञातव्य है कि आजादी के आन्दोलन में काकोरी ऐक्शन में अशफाक उल्ला खां सहित अन्य क्रान्तिकारियों को 19 दिसम्बर 1927 को फैज़ाबाद एवं अन्य जेलों में फांसी दी गई थी।
नेताओं ने अशफाक एवं उनके साथियों की बलिदानी एकता को याद करते हुए कहा कि जिस तरह से शहीदों ने आजादी की लड़ाई में धर्म और जाति से हटकर अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के लिए अपने को बलिदान कर दिया आज हम सबको उसी परम्परा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। आज देश में जिस तरह से धर्म और जाति का मिश्रण कर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं और हमारे सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न किया जा रहा है, इसका अंदेशा शहीद अशफाक उल्ला ने आजादी की लड़ाई के दौर में ही कर लिया था और देशवासियों को इससे सतर्क रहने का संकेत भी दे दिया था।
नेताओं ने कहा कि वर्तमान सरकारें देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों के विचारों और सपनों के विपरीत काम कर रही हैं। आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद जिन ऊंचाइयों तक देश को पहुंचना था वहां पहुंचना दूर बल्कि वर्तमान सरकार उसे पीछे की ओर ले जा रही है। आज मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गैरबराबरी, सामाजिक विभाजन जैसे मुद्दे देश के लिए अभिशाप बन गए हैं जो शहीदों के अरमानों के साथ धोखा है। इसके लिए देश के युवाओं को एकताबद्ध होकर संघर्ष करने की जरूरत है।