-सीजेएम कोर्ट के आदेश पर निकाला गया शव, विवेचना सीओ सदर को मिली
सोहावल। सीजेएम के आदेश पर सात माह पूर्व हुई विवाहिता की मौत पर दफनाये गये शव को क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में निकाले जाने और उक्त मामले की विवेचना सीओ सदर को सौंपे जाने से स्थानीय पुलिस की कार्यशैली ने सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं।
रौनाही थाना क्षेत्र चिर्रा जगन पुर निवासी विवाहिता कुसुम पत्नी विक्रम की संदिग्ध परिस्थितियों में 4सितबर को हुई मौत हुई थी। मामले की संदिग्धता को देखते हुए थाना पूरा कलंदर टोनिया बिहारी का पुरवा निवासी मृतिका के भाई संतोष कुमार ने मृत्यु पर संदिग्धता व्यक्त की थी। शिकायत कर्ता के अनुसार कुसुम का विवाह चिर्रा जगन पुर निवासी विक्रम पुत्र सुरेश के साथ हुआ था। 4 सितंबर की शाम को ससुराल पक्ष से हमे बीमार होने की जानकारी दी गयी। मौके पर पहुंचने पर मेरी बहन मरी हुई मिली। 5 सितंबर को रौनाही पुलिस को तहरीर में ससुराल पक्ष पर हत्या कर आत्महत्या का रूप देने का आरोप लगाया था।
लेकिन कोई कार्यवाही नही होने पर धारा 156/3 के तहत नायायालय की शरण में गुहार लगाने पर विवश होना पड़ा ।कोर्ट के आदेश पर सात माह बाद मृतक के शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस हरकत में आई।विवेचक सीओ सदर शैलेंद्र प्रताप गौतम की मौजूदगी मे शव को बाहर निकाला गया। इसके पूर्व पुलिस ने मामले की लीपापोती के बदले गंभीरता लेकर कार्यवाही करती तो इतने माह तक न्याय के इंतज़ार नही करना पड़ता। मामले में क्षेत्राधिकारी सदर ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार शव को निकाल कर पंचनामा कर पीएम के लिए भेजा गया है। पीएम रिपोर्ट छानबीन सहित माननीय न्यायालय द्वारा मिलने वाले अग्रिम आदेश के अनुसार निष्पक्ष कार्यवाही की जायेगी।