जाली नोट में हुई थी 10 साल की सजा
अयोध्या। जिला कारागार में मंगलवार की दूसरी पहर एक सजायाफ्ता कैदी का शव उसकी बैरक के पीछे पेड़ से लटका मिला। मामले की जानकारी पर कारागार प्रशासन में हलचल मच गई। आनन-फानन में फंदे से उतारकर कैदी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार की दूसरी पहर एक सजायाफ्ता कैदी का शव मंडल कारागार में बैरेक के पीछे लगे पेड़ में गमछे के फंदे के सहारे लटका मिला। मामले की जानकारी मंडल कारागार में तैनात बंदी रक्षकों को मिली तो तत्काल प्रकरण की जानकारी जेल प्रशासन के अधिकारियों को दी गई। सूचना पर जेल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बंदी रक्षकों तथा अन्य की मदद से शव को नीचे उतरवाया और जिला अस्पताल भिजवाया। जिला अस्पताल लाए जाने पर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने कैदी को मृत घोषित कर दिया। जाली नोट में हुई थी 10 साल की सजामूल रूप से पश्चिम बंगाल प्रांत निवासी 32 वर्षीय सद्दाम पुत्र फराजुलशेख को पुलिस ने जाली नोटों के साथ फैज़ाबाद मॉडल रेलवे स्टेशन से पकड़ा था और गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले का विचारण करते हुए जनपद अदालत ने दोष सिद्ध होने पर सद्दाम को 10 साल के कैद की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद सद्दाम मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। आशंका जताई जा रही है कि इसी मानसिक अवसाद के चलते उसने जिला कारागार में अपने बैरेक के पीछे पेड़ की डाल में गमछे का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। मंडल कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक बृजेश कुमार का कहना है कि सजायाफ्ता कैदी सद्दाम बैरेक के पीछे पेड़ की डाल से गमछे के फंदे के सहारे लटका मिला। उसको तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया गया। वहीं जिला अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मंडल कारागार का बंदी रक्षक कैलाश यादव दूसरी पहर 2:35 बजे सद्दाम को लेकर अस्पताल आया। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो चुकी थी।