-जनहित के मुद्दों से भागे महापौर, विपक्षी पार्षदों ने लगाया आरोप
अयोध्या। रविवार को नगर निगम अयोध्या की नवम बोर्ड की बैठक जनहित और विकास कार्यों की चर्चा हेतु आयोजित थी जिसमें महापौर 2 घंटे विलंब से पहुंचे और चर्चा की शुरुआत होते ही किसी भी पार्षद के प्रस्ताव पर चर्चा करने से पहले ही पूर्व नियोजित और दूषित मंशा से नई कार्यकारिणी गठन पर बिना एजेंट के महापौर की सहमति पर कुछ गिनती के पार्षदों ने चर्चा शुरू कर दी जिसका विरोध आधे से अधिक पार्षद करते हुए जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग करने लगे परंतु महापौर द्वारा सभी पार्षदों को अनसुना करते हुए जनहित और विकास कार्यों और पार्षद के शिकायत पत्रों व प्रस्ताव को बिना सुने बोर्ड बैठक को स्थगित कर दिया और जय श्री राम का नारा बोलते हुए सदन से बाहर चले गए बिना राष्ट्रगान किए बोर्ड की बैठक समाप्त कर दी। जिस पर आधे से अधिक पार्षदों ने विरोध जताया और महापौर पर जनहित की चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
विपक्षी दल के नेता सदन ने बताया कि आज की बैठक जन समस्याओं और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए महापौर द्वारा दूषित मंशा और असंवैधानिक रूप से नई कार्यकारिणी गठन करने का आदेश जारी कर दिया जबकि यह नगर निगम अधिनियम का उल्लंघन है आधे से अधिक पार्षद गण इस निर्णय का पूर्ण विरोध करते हुए जनहित के मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे विपक्षी दल नेता सदन एवं सभी पार्षदों की संगठित मांग है कि जनहित के मुद्दों पर सदन की सामान्य बैठक कराई जाए ना कि अन्य मुद्दों पर भटकाया जाए।
विरोध करने वालों में राशिद सलीम घोसी, विशाल पाल, वकार अहमद, सर्वजीत यादव, अखिलेश पांडे, जगत नारायण यादव, इंद्रावती यादव, ज्ञानमती यादव, कौसर परवीन, शहनूर बानो, राम भवन यादव, धरमवीर, मुकेश कोरी, प्रिया शुक्ला, ज्ञानमती, कृष्ण गोपाल यादव, अर्जुन यादव सोमू सहित बसपा, आप पार्टी व निर्दल पार्षद शामिल हैं