-सही डांट फटकार के आक्रोशित प्रतिशोध की मनोवृत्ति ही है ओडीडी
अयोध्या। इन दिनों किशोर व किशोरियों में हिंसक बगावत की बढ़ती मनोवृत्ति के पीछे इम्पल्स कंट्रोल डिसआर्डर नामक मानसिक विकार उभर कर सामने आया है। इसकी बानगी हाल ही में घटी एक वीभत्स घटना है जिसमे एक किशोर द्वारा अपनी माँ की हत्या केवल इस बात की प्रतिक्रिया स्वरूप कर दी गयी की क्योंकि वह उसकी ऑनलाइन गेमिंग की लत से आजिज आ कर डांट फटकार लगाती थी। यह बातें मनोपरामर्शदाता द्वय डॉ आलोक मनदर्शन व डॉ एम ए सिद्दीकी द्वारा आयोजित “किशोर अपचारी व्यवहार” विषयक मीडिया कार्यशाला में कही गयी।
दुष्प्रभाव:
इम्पल्स कंट्रोल डिसऑर्डर व्यवहार के किशोर व युवा आगे चलकर कम्पल्सिव-इम्पलसिव डिसआर्डर के शिकार हो जाते है, नतीजन उनमें नशाखोरी, ऑनलाइन गेमिंग व गैंबलिंग की लत पड़ जाती है और यह लत इनको मानसिक अगवापन की मनोदशा तक ले जा सकता है जिसके आत्मघाती या परघाती परिणाम हो सकते है।
एकांकीपन, आत्मविश्वास में कमी, आक्रोशित व्यवहार व अवसाद या उन्माद जैसी रूग्ण मनोदशा भी इनमें पायी जाती है। यही मनोविकृति और गंभीर रूप ले लेता है जिसे अपोजिशनल डिफायन्ट डिसऑर्डर (ओ डी डी ) कहा जाता है इसमें किशोर या किशोरी बड़ो द्वारा डांट फटकार पाने पर छद्म अपमानित महसूस कर जाते है और आक्रोशित प्रतिरोध स्वरूप कुछ भी कर गजरने से गुरेज नही करते।घर से भाग जाने या किसी भी स्तर तक जाने से गुरेज नही करते ।
बचाव व उपचार:
ऐसे किशोर व किशोरियोंं की रहते विशषज्ञों सलाह लेनी चाहिये क्योंकि ज्यादातर पेरेंट्स अपने पाल्य की समस्या तो बताते है परन्तु उसके रिस्क फैक्टर को बताए जाने के बाद भी न तो सतर्क होते हैं बल्कि गम्भीरता को यह कह कर टाल देते है कि अभी तो बच्चा है।नेगलिजेंट नही डेमोक्रेटिक पेरेंटिंग करें।