अयोध्या। विश्व को आध्यात्मिक चेतना से स्फूर्त करने वाले,वीर योद्धा सन्यासी स्वामी विवेकानन्द का जयन्ती समारोह का विवेक सृष्टि परिसर में आयोजित हुआ। समारोह में मुख्य वक्ता कृष्ण कुमार तिवारी द्वारा स्वामी जी के जीवन वृत्त पर मार्मिक प्रकाश डाला गया,तदुपरान्त अधिवक्ता आशुतोष पाण्डेय द्वारा स्वामी विवेकानन्द का जीवन किस प्रकार से भारत के क्रान्तिकारीयों के जीवन को प्रबल राष्ट्रवाद से प्रभावित कर मातृ-भू के स्वतन्त्रता के लिए प्रेरित कर सका इस विषय पर विशद चर्चा की गयी। विवेक शुक्ल द्वारा स्वामी जी के जीवन में हुए संघर्षों के द्वारा स्वामी जी की जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला गया। विजय बहादुर सिंह ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने समस्त मानव जाति के उन्नति व सेवा के लिए ही अपने सभी प्रकार के यत्नों को किया,मानव मात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है यही विवेकानन्द ने प्रतिपादित किया। शिक्षाविद् व डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में गणित विभाग के प्रवक्ता डॉ.सन्त शरण मिश्र ने कहा कि योद्धा सन्यासी विवेकानन्द की आध्यात्मिक साधना व उनकी समष्टिवादिता के द्वारा शिव भाव से जीव सेवा और वेदान्त दर्शन के द्वारा सम्पूर्ण विश्व में भारत की स्वीकार्यता सहज ही बढ़ी और सम्पूर्ण विश्व भारत के अजस्र परम्परा की ओर अग्रसर हुआ। समारोह के अध्यक्ष व प्रख्यात योगाचार्य डॉ.चैतन्य ने स्वामी के जीवनवृत्त पर गम्भीरता से प्रकाश डाला उन्होनें कहा कि भगिनी निवेदिता जो की भारत की नहीं अपितु अमेरिका से थीं उनके जीवन पर स्वामी विवेकानन्दके जीवन का ऐसा प्रभाव हुआ कि वह स्वामी जी की प्रमुख शिष्या बनीं और सेवा,संस्कार व शिक्षा में ही अपना जीवन उन्होंने स्वामी से प्रभावित होकर भारत भक्ति में ही समर्पित कर दिया,’आत्मनो मोक्षार्थं जगत् हिताय च’ स्वामी जी ने ही प्रतिपादित किया और भारत की परम्परा और आध्यात्म के द्वारा स्वामी विवेकानन्द ने मनुष्य के समग्र उत्थान को उन्नत किया। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ स्वामी विवेकानन्द जी की स्वीकार्यता न हो। कार्यक्रम का संचालन संगीत साधक सुमधुर द्वारा किया गया,स्वामी के जीवन पर आधारित भावपूर्ण गीत से सुमधुर ने अपनी भवांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राजेश मन्ध्यान,राजेश श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह बंटी, सीमा तिवारी ममता श्रीवास्तव, रीता मिश्रा, विजया तिवारी,रामलक्ष्मण,प्रवीण सिंह, स्मृता तिवारी,साकेत महाविद्यालय में संगीत की प्रवक्ता डॉ.सुरभि पाल जी,डॉ.आर.के.सिंह,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर के प्रचारक अनिल जी महानगर संघ चालक विक्रमा प्रसाद सह महानगर संघचालक मुकेश, सूरज,देवेन्द्र, आलोक ,केदारनाथ सिंह, डॉ.अर्जुन सिंह जी इत्यादि साधक साधिकायें उपस्थित रहे।
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