39 दिन बाद पूरे हनक के साथ खुली आबकारी दुकानें

अयोध्या। वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके नोबेल कोरोनावायरस को लेकर घोषित आपदा और लाकडाउन के बीच सोमवार को आबकारी की दुकानें खुल गई। 39 दिन लंबा इंतजार खत्म होने के बाद सुरा प्रेमियों के चेहरों पर रौनक दिखी। सुबह से ही लोग खरीद के लिए दुकानों पर पहुंच गए। सरकारी राजस्व हासिल करने का सशक्त जरिया होने के चलते आबकारी दुकानें पूरे हनक के साथ शाम 7:00 बजे तक खुली रही। हालात नियंत्रण में रहे और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां ना होने पाए इसको लेकर इलाकाई पुलिस ही नहीं पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी भ्रमणशील रहे। खरीददारों की बेताबी का आलम यह रहा कि बियर की दुकानों पर केन और बोतल ठंडी न होने के बावजूद लोग खरीद कर ले गए। दुकानदार ने ठंडी ना होने की बात कही तो ग्राहकों ने कहा जैसी है, वैसी ही चल जाएगी।
पहले ही दुकानों के सामने बनवा दिए थे पांच गोले
लाख डाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ प्रदेश सरकार की ओर से आबकारी महकमे की दुकानों को खोलने का निर्देश मिलने के बाद जिले का पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया। शराब की दुकानें सुबह 10:00 बजे से खोलनी थी लेकिन पुलिस ने इसके पहले ही अंग्रेजी बीएफ और देसी शराब की दुकानों के सामने
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए पांच पांच गोले बनवा दिए। डीएम और एसएसपी ने घूम कर हालात का जायजा लिया। आबकारी महकमे की ओर से पूर्व में ही नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बावजूद पुराने वित्तीय वर्ष की दर पर बियर और शराब की बिक्री का आदेश दिया गया था। दुकानों के खुलने पर लोग ज्यादा मात्रा में खरीदारी करने लगे तो मामले की सूचना पर आबकारी महकमे ने नया फरमान भेज दिया। फरमान के तहत एक व्यक्ति को एक बोतल, दो अध्धा या तीन पव्वा और बियर खरीदने वाले को दो बोतल अथवा तीन केन
की पाबंदी लागू कर दी गई। सुबह शहर से लेकर गांव की दुकानों पर ठीक-ठाक भीड़ दिखी लेकिन धीरे धीरे हालात रोजमर्रा जैसे हो गए। शाम को दुकानों के सामने थोड़ी चहल-पहल बढ़ी तो इसी बीच शाम 7:00 बजे पुलिस दुकानों को बंद कराने की कवायद में जुट गई।
कोई पहचान छिपाने में जुटा रहा,तो कुछ ने सीमा तोड़ दी
कोरोनावायरस के संकट के चलते सवा माह से ज्यादा समय बाद आबकारी महकमे की बीयर और शराब की दुकानें समय व अन्य बंदियों के साथ खुली तो शौकीन खरीदारी को उमड़ पड़े। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निर्धारित गोले में खड़ा होना था और खरीददारी में समय लगना था। इस दौरान पहचान उजागर हो सकती थी ऐसे में कुछ लोग मास्क के साथ ही पूरा चेहरा लपेटे नजर आए। बारी आने तक अपना मुंह सड़क की दूसरी ओर किए रखा। वहीं कुछ ने मर्यादा की सीमाओं को भी पार कर दिया।
शहर के एक शराब की दुकान पर उस समय अजीब स्थिति बन गई जब पुलिस अधुकरियो के सामने ही खाकी वर्दी में एक होमगार्ड झोला लेकर शराब खरीदने पहुंच गया। शराब लेने के लिए बाकायदा लाइन में भी खड़ा हो गया था। हालांकि मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मामला निगाह में आने के बाद उसे हटा दिया। इतना ही नहीं एक स्टार धारक वर्दीधारी तो व कायदे बोतल लेकर दुकान से निकलता नजर आया।
जांच के दायरे में आए दुकानों के नहीं खुले शटर
लाख डाउन के बावजूद शहर से गांव तक शराब व बीयर की चोरी छुपे महंगे दामों की बिक्री के शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने आबकारी महकमे के दुकानों के स्टाक सत्यापन का अभियान चलाया था। आबकारी निरीक्षक के साथ सीओ सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट नैना का सुभाष नगर और रिकाबगंज स्थित अंग्रेजी शराब की दुकानों के स्टॉक में अंतर पाए जाने के बाद सील करवा दिया था। जिला प्रशासन की ओर से पूरे जिले की आबकारी दुकानों को स्टाक सत्यापन के लिए सील करने का निर्देश दिया गया था। जिसको लेकर आबकारी विभाग ने सभी तहसीलों में दुकानों को सील भी कराया था लेकिन शासन का आदेश होने के बाद सोमवार को सभी दुकानें खुल गई। हालांकि प्रशासन की ओर से सील कराई गई रिकाबगंज नाका और सुभाष नगर की अंग्रेजी की शराब की दुकान का शटर नहीं खुला।
जिला आबकारी अधिकारी वरुण लाल यादव ने बताया कि शासन और आबकारी महकमे के आदेश के बाद प्रतिबंधों के साथ सरकारी देसी अंग्रेजी और बीयर दुकानों को खोला गया है। एक सप्ताह तक लाइसेंस धारक को पुराने रेट में ही बिक्री के लिए कहा गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है। शहर की सील दुकानों को चालू कराने के लिए प्रशासन से संपर्क किया गया है।