राम जन्मभूमि आन्दोलन ने महंत रामचन्द्र परमहंस को दिलाई अमरता
अयोध्या। राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई डे-टू-डे करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने कर यह संकेत दिया है कि इस विवाद का निर्णय जल्दी हो जायेगा। मेरा विश्वास है 30 सितम्बर 2010 को हाईकोर्ट ने जो निर्णय दिया था उसी के अनुरूप जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय अपना निर्णय सुनायेगी। यह विचार राम जन्मभूमि आन्दोलन के अगुवा महंत रामचन्द्र दास परमहंस की दिगम्बर अखाड़ा में आयोजित 16वीं पुण्य तिथि के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 1990 में मौजूदा सरकार ने कारसेवकों पर अत्याचार किया और दर्जनों कारसेवक हताहत हुए। उन्हीं के स्मरण को चिर स्थाई बनाने के निमित्त दिगम्बर अखाड़ा में निर्मित स्मारक संग्रहालय के उद्घाटन समारोह का उद्देश्य अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों को अयोध्या के संघर्षपूर्ण इतिहास से परिचित कराना है। महंत रामचन्द्र दास परमहंस ने रामन्मभूमि आन्दोलन शुरू किया था और जीवनभर इस आन्दोलन को सक्रिय किये रहे। रामजन्मभूमि आन्दोलन में महंत रामचन्द्र दास परमहंस को अमरता प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि यदि पूरे दुनिया के इतिहास की तुलना अयोध्या से की जाय तो वैसा इतिहास कहीं नहीं मिलता। प्रदेश सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव मनाकर पूरे विश्व को त्रेतायुग के भारत से परिचित कराया है। टीवी ने दीपोत्सव और प्रयाग में आयोजित महाकुंभ को जिस तरह प्रसारित किया उससे पूरी दुनियां यहां के गौरवशाली इतिहास से परिचित हुई प्रदेश सरकार का प्रयास है कि काशी, मथुरा सहित तमाम महत्वपूर्ण धार्मिक और पौराणिक महत्व के स्थलों का विकास किया जाय। इसी क्रम में महर्षि बाल्मीकि और महाराजा गुह के भी क्षेत्र में पर्यटकीय विकास का कार्य शुरू किया गया है। हमारी मंशा है कि अयोध्या में पूरे विश्व के लोग आयें, ठहरें और यहां की धार्मिक, सांस्कृतिक और पौराणिक इतिहास से परिचित हों। ऐसा होने से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और वह आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत दिगम्बर अखाड़े के प्रमुख सुरेश दास द्वारा किया गया। श्री दास ने कहा कि योगी मुख्यमंत्री के रूप में एवं पीठाधीश्वर के रूप में हमेशा ही मंहत जी के बहुत करीब रहे है आज उन्होनें इसके लिए जो समय दिया है उसके प्रति हम कृतज्ञ है। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिनमया चन्द ने अपने सम्बोधन में कहा कि परमहंस से सम्बन्ध हमारा 40 साल पुराना है आज हम अतीत मे खो गये है वैसा हमने विरलय संत देखा है जिसके मन में भगवान राम एवं अयोध्या रचि बसी हो तथा उनका प्रत्येक क्षण भगवान राम के मंदिर बनाने के लिए समर्पित रहा है आज सच्ची श्रद्धांजलि होगी हम आज उनके पूण्य तिथि पर सौगंध लेते है तथा सन्देश देते है कि योगी एवं मोदी जी इस वर्ष में मंदिर के सपने को पूरा करेंगे तथ अयोध्या की वैभव को पुनः स्थापित करने में अपने पीठ परम्परा को और आगे बढ़ायेगें। इस अवसर पर मणिराम छावनी के महंत नृत्य गोपालदास के उत्तराधिकारी कमलनयन दास ने कहा कि परमहंस जी एवं हमारे गुरूदेव पूर्ण रूप से अन्य संतो के साथ रामजन्म भूमि आन्दोलन के लिये संकल्पित थे तथा मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही यह कार्य सफल होगा। इस अवसर पर जगत गुरू वासुदेवाचार्य, कन्हैयादास महाराज, जनमेजय आदि ने अपने विचार व्यक्ति किये। इस अवसर पर संत सामुदाय में अवधेशदास रामानन्द, रागवादास , भरतदास , धर्मदास, मनमोहन दास, शिवशंकरदास, जमुनादास, जयबक्श दास, अजुदास आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संत रामानन्द दास ने किया तथा आभार दिगम्बर पीठाधीश्वर सुरेश दास ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायकगण वेदप्रकाश गुप्ता, खब्बू तिवारी, विधायिका श्रीमती शोभा सिंह चैहान, विधायक गोरखनाथ बाबा, रामचन्द्र यादव, सांसद प्रतिनिधि एवं जिला अध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल आदि उपस्थित थे।