-फार्मेसी कोर्सेज के नव-प्रवेशित छात्रों के लिए हुआ ओरियंटेशन प्रोग्राम
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में संचालित फार्मेसी कोर्सेज के नव-प्रवेशित छात्रों का ओरियंटेशन प्रोग्राम परिसर के संत कबीर सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के बैचलर इन फार्मेसी एवं डिप्लोमा इन फार्मेसी कोर्स के छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सीके मिश्रा, कला संकायाध्यक्ष एवं मुख्य नियंता प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर नीलम पाठक ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके किया।
कार्यक्रम में छात्रों को नए संचालित पाठ्यक्रम के माध्यम से अपना कैरियर विज्ञान के क्षेत्र में बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर अजय प्रताप ने संकाय के छात्रों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने की गुर बताए। प्रोफेसर सीके मिश्रा ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना व्यक्त की। वहीं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर नीलम पाठक ने छात्रों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने परिसर में मिल रही सुविधाओं से भी छात्र-छात्राओं को अगत कराया। अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनोद कुमार श्रीवास्तव ने फार्मेसी के छात्रों को आने वाली चुनौतियों एवं समाधान के बारे में जानकारी दी। संस्थान के शिक्षक डॉ0 एसपी सिंह ने छात्रों को पाठ्यक्रम के रूप पढ़ाई के आयाम एवं आने वाले समय में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
फार्मेसी पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ0 अनिल कुमार एवं डॉ0 सिंधु सिंह ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए फार्मेसी के क्षेत्र में अध्ययन कर शोध के माध्यम से विभिन्न प्रकार की महंगी दवाओं के मूल्य घटाने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने फार्मेसी में शिक्षा के महत्व को बताया। फार्मेसी के अन्य शिक्षक डॉ0 अजय कुमार शुक्ला एवं डॉ0 वंदना गुप्ता ने छात्रों के साथ अपने छात्र जीवन से शिक्षक बनने तक के सफर को साझा किया।
कार्यक्रम का संचालन फार्मेसी इंस्टीट्यूट के शिक्षक अंकुर श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 सिंधु सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।