अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग, अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में चल रही 21 दिवसीय राष्ट्रीय भित्ति चित्रण कार्यशाला के तहत गुरूवार को विश्व में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीरामश् विषय पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने परिसर में स्थित श्रीराम शोध-पीठ की दीवारो पर श्रीराम जी के जीवन वृतान्त से सम्बन्धित चित्रण जिसमें बालककाण्ड जिससे रामायण की शुरूआत होती हैं उसका रेखांकन प्रारम्भ किया गया हैं एवं प्रवेश द्वार पर बनने वाले विभिन्न भित्ति अलंकरणों में अवध की लोक संस्कृति से सम्बंन्धित रंगाकन का कार्य प्रारम्भ किया गया।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव श्रीमती सरिता सिंह ने बताया की प्रवेश द्वार की दिवारी को त्रीयामी वास्तु चित्रण तकनीक के अन्तर्गत राम लिपि को कैलोग्राफी के माध्यम से उकेरने का मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम की निर्देशक डॉ0 पल्लवी सोनी ने शोध पीठ की बाहरी दिवारों पर बने आलेखनों में रंगाकंन की तकनीक से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ0 सरिता द्विवेदी ने अयोध्या की लोक संस्कृति में प्रयोग होने वाले रंगो के महत्व एवं अर्थो से छात्र-छात्राओं को परिचित कराया। कार्यक्रम की आयोजन सचिव रीमा सिंह ने शोध पीठ की छत की दिवारों पर चित्रण की विभिन्न विधाओं से छात्र-छात्राओं का ज्ञान वर्धन किया। आज की कार्यशाला के दौरान प्रमुख रूप से प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव समन्वयक दृश्यकला विभाग, प्रो0 एन0 के0 तिवारी, डॉ0 संजय चौधरी, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।
Tags 21 दिवसीय राष्ट्रीय भित्ति चित्रण कार्यशाला Ayodhya and Faizabad Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University Ayodhya
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