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खड़ंजा मार्ग के लिए मिट्टी पटान ग्राम प्रधान व एसडीएम को पड़ा महंगा

भू-स्वामी की याचिका पर उच्च न्यायालय ने किया तलब

बीकापुर। खातेदार के खाते की जमीन पर ग्राम प्रधान के द्वारा जबरन खड़ंजा मार्ग बनवाने के लिए 47 मीटर लंबाई में करवाई गई मिट्टी की पटान का कच्चा कार्य ग्राम प्रधान के साथ-साथ एसडीएम को भी भारी पड़ गया । उच्च न्यायालय ने मिसलीनियस रिट को संज्ञान में लेते हुए 18 नवंबर को बीकापुर विकास खंड के ग्राम प्रधान बछरामपुर तथा एसडीएम बीकापुर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है । मामला बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के बछरामपुर निवासी खातेदार श्याम बहादुर व उनकी मां श्रीमती बसंता के गाटा संख्या 552 रकबा 228 एयर स्थित ग्राम बछरामपुर से संबंधित है । घटनाक्रम कुछ इस तरह का है खातेदार श्याम बहादुर आदि की गाटा संख्या 552 में गांव के ग्राम प्रधान श्रीमती मायावती निषाद तथा उनके पति रामकरन निषाद ने 28 जून 2019 को अपने एक हितैषी को अनुचित लाभ पहुचाने के लिए नक्से में बिना रास्ता तथा चक मार्ग के जबरदस्ती श्याम बहादुर आदि के चक में 3 मीटर चौड़ा तथा 47 मीटर लंबाई में रामकेवल के घर तक खड़ंजा मार्ग बनवाने के लिए मिट्टी पटाई का कच्चा कार्य करवा दिया । मिट्टी पटाई का काम शुरू होने पर श्याम बहादुर ने बीकापुर के तहसीलदार और एसडीएम को शिकायती पत्र देकर काम रुकवाने का अनुरोध किया । किंतु जब काम नहीं रुका तो श्याम बहादुर ने डायल 100 पुलिस को भी सूचना दी । पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत देकर दोनों पक्षों को राजस्व से समाधान कराने को कहा । किंतु राजस्व विभाग ने श्याम बहादुर की शिकायत को अनसुनी कर दी । जिस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामकरन ने 1 जुलाई 19 को जबरन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए हल्ला बोल कर 47 मीटर लंबा मिट्टी पटाई का कार्य कर डाला और अगले दिन उस पर खड़ंजा निर्माण के लिए जब काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की तब श्याम बहादुर ने आहत होकर सूबे के मुख्यमंत्री जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी और एसएसपी को ऑनलाइन शिकायत करते हुए न्याय की गुहार मचाई । मुख्यमंत्री से उनके पोर्टल पर श्याम बहादुर द्वारा की गई ऑनलाइन शिकायत रंग लाई और तहसील प्रशासन ने मौके पर जाकर नाप जोख करके ग्राम प्रधान द्वारा पटवाए गए 47 मीटर लंबे कच्चे कार्य को अतिक्रमण मानते हुए श्याम बहादुर की शिकायत को सही माना और जिसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री को भेज दी । जांच रिपोर्ट में सच्चाई सामने आ जाने पर श्याम बहादुर ने अपनी जमीन बचाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया । उच्च न्यायालय ने याची श्याम बहादुर के तथ्यों को प्रथम दृष्टया सही पाया तदनुसार अपने आदेश दिनांक 23 अक्टूबर 19 को आदेश पारित करते हुए ग्राम प्रधान द्वारा जबरन कराए गए गलत कार्य को अतिक्रमण मानने के साथ-साथ एसडीएम बीकापुर द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर ग्राम प्रधान और एसडीएम बीकापुर को अभिलेखों के साथ 18 नवंबर 2019 को अदालत में प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है ।
हाईकोर्ट के आये आदेश पर 12 नवम्बर मंगलवार को एसडीएम और तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक राजस्व टीम के साथ मौके पर जाकर ग्राम प्रधान द्वारा जबरन खाते की भूमि में पटाए गए मिट्टी के कार्य को मजदूरों से खुदवा दिया। फिलहाल 5 महीने की लंबी कवायद के बाद खातेदार श्याम बहादुर को माननीय उच्च न्यायालय से इंसाफ मिल गया ,किंतु ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान द्वारा निहित स्वार्थ में किए गए गलत कार्य और अतिक्रमण पर खर्च किए गए सरकारी धन की भरपाई कैसे होगी ? यह प्रश्न अभी लोगों के जहन में कौंध रहा है।

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