-विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने लोगों को दी जानकारी
मिल्कीपुर अयोध्या। सर्प दंश जागरूकता अभियान के तहत अयोध्या के सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज परिसर सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सैकड़ो की संख्या में आए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों समेत संभ्रांत लोग शामिल हए। डॉक्टरों ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सामुदायिक रूप से सर्पदंश के प्रति लोगों में जागरूकता होना अति आवश्यक हो गया है क्यों कि, सर्पदंश से पीड़ित लोग सही समय पर सही इलाज न मिल पाने से असमय ही मौत हो जाती है।
जिले के वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र आजाद सिंह ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को कोई जहरीला सांप काटता है तो उसमे प्रमुखता से 4 लक्षण अक्सर प्रकट हो हैं उत्तरोत्तर बढ़ती कमजोरी, आन्तरिक रक्त स्त्राव के साथ पेशीय ऐंठन और सूजन। बस ध्यान रखें कि, सांप काटे व्यक्ति को मानसिक रूप से कभी भी अस्थिर न होने दें। झाड़-फूंक तो बिल्कुल न कराएं। जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचाएं ताकि समय से इलाज हो सके।
उन्होंने ने लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि आस पास के विषधारी व विषहीन सर्पों की सरलता से पहचान कराने के साथ ही प्रकृति में उनकी उपयोगिता व महत्व को भी लोगों को समझाते हुए लोगों का सर्पों के प्रति घृणित व्यवहार व समाज मे सर्पों से जुड़े फैले बेबुनियाद अंधविश्वास को दूर करने के साथ समाज मे सर्पदंश से होने वाली मृत्यु दर को भी घटा देना है। अस्पताल के सीएमएस डॉ अनिल कुमार बताया कि कोबरा, कॉमन करैत और रसल वाइपर “चित्ता“ को छोड़कर लगभग 95 प्रतिशत सांप ऐसे होते हैं जिनके काटने से किसी भी तरह का कोई प्रतिकूल प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं पड़ता है। यह डर दूर करने के लिये लोगों को अब सर्पदंश के प्रति जागरूक करना बहुत ही आवश्यक है क्यों कि, ज्यादातर मौत जहर की जगह घबराहट व हृदयगति रुकने से हो जाती है।
डॉ अनमोल पाठक का कहना है कि किसी जहरीले सांप के काटने पर सावधानी रखना भी बेहद जरूरी है। इसलिए जहां भी कभी सर्प दंश हुआ हो वहां अंगूठी, घड़ी, बिछिया, पायल या कोई कसा हुआ धागा बिल्कुल हटा दें। मरीज के कपड़े भी ढीले कर दे, मुंह से उसके घाव को चूसने का प्रयास बिल्कुल भी न करें, न ही चाकू से उसे जलाएं न ब्लेड से काटने की कोशिश करें।
क्योंकि ज्यादा रक्तस्राव से भी रोगी की असमय मृत्यु हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिस अंग पर सांप ने काटा है उस अंग को ज्यादा हिलाएं-डुलाएं नहीं। रोगी को सांप के काटने पर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही समुचित इलाज कराएं। इसी तरह बाल रोग विशेषज्ञ डॉ गणेश लाल और डॉ विकास यादव ने भी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्प दंश की जानकारी होने पर तत्काल स्थानीय अस्पताल पहुंचकर इलाज कारण तभी बचना संभव है।
सबसे ज्यादा बच्चों का ध्यान देना रहता है अगर बड़े लोगों को सर्प ने डांस लिया है तो उसका जहर तीन से चार घंटे में कर करेगा तो वही बच्चों को बहुत जल्द कर कर लेता है जिससे मौत हो जाती है अगर बच्चा भी समय से अस्पताल पहुंच जाए तो इलाज करने के बाद बचा जा सकता है। इस मौके पर अस्पताल के डाक्टर समेत समस्त कर्मचारी के अलावा क्षेत्र के विजय उपाध्याय, विजयपाल सिंह, अंकित पाण्डेय, राम अचल शुक्ला ,लव कुमार, शीतल बाजपेई, तेजवली, दिनेश शुक्ला सहित सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।