अयोध्या। संत कंवरराम ने पूरा जीवन ’नर’ में ’नारायण’ के दर्शन कर उनकी तन, मन और धन से सेवा की। पशु हो या मनुष्य किसी का भी कष्ट कंवरराम अपना मान उनकी सेवा करते थे। वे किसी की, की गई मदद को मदद नहीं अपितु सेवा करना कहते थे। यही उन्होंने जीवन भर किया।
यह विचार सिंधी के सहायक आचार्य कपिल कुमार ने उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर व्यक्त किये। संत कंवरराम के नाम पर अवध विश्वविद्यालय में संचालित संत कंवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र में संत का पुण्य स्मरण किया गया।
इस अवसर पर अध्ययन के सलाहकार ज्ञानप्रकाश टेकचंदानी ’सरल’ और पूर्व मानद निदेशक प्रो. आर. के. सिंह ने भी संत कंवरराम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उसके पूर्व रामनगर कॉलोनी में संत के चित्र के समक्ष दीपदान कर श्रद्धांजलि दी गई। एम. ए. सिंधी के छात्र दुर्गा संगतानी, नीतू चंदानी, सपना खटनानी, सुरेश पंजवानी और अमन विक्रम सिंह व अनीता देवी ने पुष्पांजलि अर्पित की।