रामनगर कालोनी में सामाजिक चिन्तन चौपाल का हुआ आयोजन
अयोध्या। विश्व के हर कोने में सिंधी समुदाय की गौरवमयी उपस्थिति दर्ज है। हर कोने व हर क्षेत्र में अपने पुरूषार्थ और परमार्थ से अपनी छाप छोड़े हुए है। यह बातें सिन्धु सेवा समिति की ओर से रामनगर कालोनी स्थित बचपन प्ले स्कूल के प्रांगण में सामाजिक चिन्तन चौपाल में समिति के संरक्षक गिरधारी चावला ने कहीं। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं में धीरे-धीरे सामाजिक कार्यों के लिये एक नई चेतना आ रही है। चौपाल की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष मोहन मंध्यान व संचालन महासचिव जयप्रकाश क्षेत्रपाल ने किया। चौपाल में सामाजिक बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी व विभिन्न मुद्दों पर गम्भीरता से चिन्तन व मंथन किया गया। सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत के अध्यक्ष वरियल दास नानवानी ने कहा कि सिन्धी समुदाय हजारों वर्ष से अमन और शान्ति का उपासक रहा है। इसकी गवाही मुअन जो दड़ो के खण्डहर देते हैं। उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने चौपाल को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बनाये रखने के लिये सिन्धी भाषा, कला, साहित्य, संस्कृति और लोक परम्पराओं को जिन्दा रखने का जिम्मा समाज के युवाओं का है। इस मौके पर सिन्धी काउन्सिल ऑफ इण्डिया के महानगर अध्यक्ष डा0 महेश सुरतानी व समिति के पूर्व महासचिव विश्व प्रकाश रूपन ने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि समाज की नई युवा पीढ़ी जो आर्थिक सुरक्षा व खुशहाली के माहौल में पल-बढ़ रही है अपने सामने आने वाली चुनौतियों पर भारी पड़ेगी। सिन्धु महिला परिवार की अध्यक्ष मुस्कान सावलानी व दो पल संस्था की संयोजिका नीलम मंध्यान ने कहा कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में सिन्धी समाज की महिलाओं की भी अहम भूमिका रही है। दोनों ने कहा कि समाज में राजनैतिक व सामाजिक चेतना जागृत करने के लिये महिलाओं को आगे बढ़ना होगा। समिति के पूर्व अध्यक्ष वेद प्रकाश राजपाल व संत आसूदा राम सेवा समिति के अध्यक्ष राजकुमार जीवानी एवं भारतीय सिन्धु सभा के अध्यक्ष सुमित माखेजा ने कहा कि आज सिन्धी समाज विश्व व्यापी बन गया है जो जाति, धर्म से परे है। समाज के मुखिया भीमन दास माखेजा व धर्मपाल रावलानी ने कहा कि सिन्धी समाज विश्व की उस प्राचीनतम एवं महान संस्कृति के वारिस है जिसकी गूॅंज आज भी मुअन जो दड़ों में से सुनी जा सकती है। चौपाल में अनूप रामानी, आसूदा राम बत्रा, हरीश सावलानी, मंजू सुरतानी, प्रिया वलेशाह, रौनक मंध्यान, पलक खटवानी, शालिनी राजपाल, जया राहेजा, कुमार माखेजा, राजू रामानी, जगदीश वाधवानी, सीपी आहूजा, नारायण दास केवलरामानी, भजन कालाणी, नरेश क्षेत्रपाल, सौरभ लखमानी, संतोष रायचंदानी, सुनील रामानी, सुखदेव साधवानी, कैलाश साधवानी मौजूद रहे।