हिंदी की 20 लघुकथाओं को सिंधी में अनुवाद करके मनाया गया अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में भारत सरकार के नियंत्रणाधीन राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद् के वित्त पोषण से संचालित अमर शहीद संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र में ’सिंधी-हिंदी परस्पर अनुवाद’ कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें अयोध्या, प्रयागराज, गोरखपुर और लखनऊ के 20 प्रतिभागियों ने अनुवाद कार्यशाला में हिस्सा लिया।
मानव संसाधन के रूप में अधिष्ठाता छात्र कल्याण (कार्यवाहक) डॉ. सुरेन्द्र मिश्र एवं अवधी भाषा की सहायक आचार्य प्रत्याशा मिश्र ने प्रतिभागियों को अनुवाद की अवधारणाओं से आत्मसात कराते हुए उनके महत्व और भविष्य को रेखांकित किया। अध्ययन केंद्र में सिंधी भाषा सलाहकार ज्ञानप्रकाश टेकचंदानी ’सरल’ ने बतौर रिसोर्स पर्सन हिंदी की 20 लघुकथाओं को सिंधी में अनुवाद कार्य कराते हुए सिंधी-हिंदी के मध्य अनुवाद में आने वाली समस्याओं का समाधान समझाया।
अध्ययन केंद्र के मानद निदेशक प्रो. आर. के. सिंह ने बताया कि केंद्र में अनुवाद की प्रथम कार्यशाला में प्रथम प्रयास में ही निर्धारित लक्ष्य का हासिल होना केंद्र के प्रति सिंधी छात्रों के बढ़ते रूझान का परिचायक है। इससे वे उत्साहित हैं और इस कार्यशाला में हुई 20 हिंदी कहानियों के सिंधी अनुवाद की पुस्तक का प्रकाशन कराए जाने का उन्होंने ऐलान किया। मौके पर प्रतिभागी उपस्थित रहे।