राम-नाम उद्घोष के साथ पूरा क्षेत्र भक्तिमय
गोसाईगंज। अयोध्या से लगभग 36 किलोमीटर दूर विकासखंड मया अंतर्गत स्थित पौराणिक स्थल श्रृंगी ऋषि आश्रम पर कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को श्रद्धालुओं के आस्था का जनसैलाब उमड़ेगा। किंवदंती है कि संतान की कामना लेकर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी होती है। ऐसी मान्यता है कि अयोध्या के राजा दशरथ को जब पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हो रही थी तो उन्होंने गुरु वशिष्ठ से इसका उपाय पूछा। गुरु ने उन्हें श्रृंगी ऋषि से पुतेष्ठि यज्ञ कराने की सलाह दी थी।
श्रृंगी ऋषि आश्रम स्थित रामजानकी मंदिर के महंत जगदीश दास बताते हैं कि यहां प्रमुख स्नान पर्वो पर श्रद्धालुओं का आमदरफ्त स्नान पर्वो पर प्राचीन काल से ही होती रही है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुगण यहां आकर श्रृंगी ऋषि के समाधि के सम्मुख अपनी फरियाद करते दिखाई दिए। बगल में स्थित मां शांता देवी की गुफा में भी वे मत्था टेंकना नहीं भूलते। यहां जाति-पांति का कोई भेदभाव नहीं है। यहां लगभग हरेक जातियों का पंचायती मंदिर बने हुए हैं। श्रद्धालु हर मंदिरों में जाकर पूजन व अर्चन करते हैं। सरयू नदी की गोद में बसे इस पौराणिक स्थल पर साधु संतों की मंडली की उपस्थित होती है।
स्नान के एक दिन पूर्व ही श्रृंगी ऋषि आश्रम पर डेरा डाल देते हैं। सुबह श्रद्धालु सरयू का स्नान कर दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। यह सिलसिला शाम चार बजे तक चलता रहता है। इससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय रहता है। पौराणिक स्थल पर आसपास के ग्राम पंचायत शेरवाघाट के विभिन्न मजरों के ग्रामीण श्रद्धालुओं की सेवाभाव के लिए तत्पर दिखाई पड़ते हैं। प्रधान प्रतिनिधि दिलीप कुमार विमल मया ब्लाक प्रमुख भूपेद्र सिंह बब्लू ने बताया कि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। इस पवित्र मौके गोसाईगंज थाना प्रभारी निरीक्षक आर के राणा अपने सभी उपनिरीक्षक व कांस्टेबल के साथ श्रृंगी ऋषि आश्रम पर आए हुए हजारों-हजार की तादाद में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में चाक-चौबंद दिखे। श्रृंगी ऋषि क्षेत्र के उपनिरीक्षक जेएन त्रिपाठी उपनिरीक्षक मनजीत सिंह महिला उपनिरीक्षक वीना पांडे दीवान शेष नारायण सिंह दीवान इंद्रेश यादव मेले में आए हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहें। श्रृंगी ऋषि आश्रम पर अयोध्या जिले के अलावा अंबेडकरनगर, बस्ती, सुल्तानपुर, बाराबंकी, आजमगढ़ आदि दूरदराज के श्रद्धालुओं का आगमन होता है। राम-नाम के उद्घोष के साथ पूरा क्षेत्र भक्ति मय रहता है।