साधना सरगम के भक्ति गीतों ने लोगों को किया भाव विभोर
अयोध्या। लाख दीप से जगमगा उठा राम नगरी का सुरसर मंदिर मौका था मंदिर में तीन दिवसीय श्री रामोत्सव और अयोध्या लिटरेचर फेस्टिवल के समापन का। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठन अखिल भारत जयगुरू संप्रदाय आचार्य किंकर विठ्ठल रामानुज महाराज के उपस्थिति भारतीय रेलवे मालगोदाम श्रमिक संगठन की राष्ट्रीय महामंत्री अरुण पासवान वी अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में हजारों श्रमिकों ने सुरसर मंदिर परिसर को दीपों से सजा दिया शाम होते ही दीप जले और उसके प्रकाश से पूरा परिसर जगमगा उठा ऐसा महसूस हुआ की अयोध्या में देव दीपावली पर दूसरा दीपोत्सव हो रहा है। वहीं सांस्कृतिक बेला में साधना सरगम ने अपनी मधुर आवाज़ से सभी को मंत्र मुक्त कर दिया।
जैसे ही साधना सरगम मंच पर बैठी पूरा परिसर तालिया से गुंजायमान हो उठा और जैसे ही उन्होंने भगवान श्री राम पर आधारित भजन कितनो की नैया पार लगाई एक अबला का नाम है इसमें जो शरणागत आई पूरा परिसर भाव विभोर हो गया। और साधना सरगम के लिए तालियां बजने लगी उन्होंने एक से एक भजन सुनाएं जिसमें उन्होंने माता जी पर आधारित गली-गली में ढूंढ रही हूं मैया अब आकर बस जा मेरे जीवन में जैसे ही यह धुन वह गुनगुनाने लगी लोग भक्ति में भावना में झूम उठे और पूरा सुरसर मंदिर परिसर भक्ति भावना में झूम उठा।
इसके उपरांत लेजर सो देश के विभिन्न कोने से आए कलाकारों ने अपने अनेक कलाओं ड्रम आदि से लोगों का मनोरंजन किया और इस भक्तिमय संध्या का समापन कार्यक्रम के संयोजक प्रिया नाथ चट्टोपाध्याय के आभार ज्ञापन से समापन हुआ उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा की प्रभु श्री राम जी की इच्छा और आशीर्वाद से प्रतिवर्ष और विस्तृत रूप में यह श्री रामोत्सव का कार्यक्रम होता रहेगा। इंद्राणी चट्टोपाध्याय सहित सैकड़ों आयोजक मंडल का भी आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन महंत दिलीप दास त्यागी महाराज ने किया।