महंत जन्मेजय शरण ने मुस्लिम पक्षकार को रामनामा ओढ़ाकर किया सम्मानित
अयोध्या। रामनगरी के जानकीघाट बड़ास्थान में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण न्यास की तरफ से इकबाल अंसारी का सम्मान किया गया। जिन्हें रविवार को आश्रम के महन्त व न्यास अध्यक्ष जन्मेजय शरण महाराज ने रामनामा ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर श्री शरण ने कहाकि इकबाल की सबसे बड़ी बात यही है कि वह अपनी बातों पर कायम रहे। उन्होंने कहाकि था कि मन्दिर-मस्जिद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आएगा उसको हम सब मानेंगे और माना भी। इसलिए आज उनका सभी साधु-संतों की तरफ से सम्मान किया गया है। इकबाल का सम्मान तो पूरे देश में होना चाहिए। यह उनकी सौहार्दता का सम्मान है। जो उनके पिता स्वर्गीय हाशिम अंसारी के समय से चली आ रही है। अब निश्चित रूप से निर्विवाद भव्य राममन्दिर का निर्माण होगा। महन्त ने कहाकि राममन्दिर मामले पर पूरे विश्व की नजर थी। क्योंकि इस पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने वाला था। इससे पहले लोगों में ऊहा-पोह की स्थिति बनी हुई थी। कोर्ट का फैसला किसके पक्ष में आयेगा, क्या होगा। लेकिन विगत ९ नवम्बर को न्यायालय का रामलला के पक्ष में जो निर्णय आया। उससे हिन्दू-मुस्लिम पक्ष के लोग खुश रहे और सभी ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। साथ ही निर्णय में कोर्ट ने अन्यत्र ५ एकड़ भूमि मस्जिद के लिए देने को कहा है। सन्तों से सम्मान पाकर इकबाल अंसारी बहुत ही अविभूत दिखे। उन्होंने कहाकि अयोध्या धर्म की नगरी रही है। जहां हर धर्म-जाति के मन्दिर हैं। यहां किसी के भी साथ कभी कोई भेदभाव नही था। हम सब हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आपस में मिलजुलकर रहते हैं। हमेशा से हम साधु-संतों के बीच में रहे हैं। अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब हमेशा बरकारार रहा है और रहेगा। हिन्दू-मुसलमान नही बल्कि सबकी बातों को सुनने और अमल करने से देश तरक्की करता है। उन्होंने कहाकि हमने फैसले के पहले ही कहा था कि मन्दिर-मस्जिद मामले सुप्रीमकोर्ट का जो भी निर्णय आयेगा उसे हम मानेंगे और माना भी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए बहुत अच्छा निर्णय दिया, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। इस मौके महन्त माधवदास रामायणी, वकार अहमद पार्षद प्रतिनिधि लालबाग वार्ड आदि उपस्थित रहे।