श्री राम एयरपोर्ट : भूमि अधिग्रहण में जोर जबरदस्ती पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

by Next Khabar Team
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-अग्रिम आदेश तक लगाई रोक,जिला मजिस्ट्रेट तलब

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर एयरपोर्ट निर्माण की कवायद के तहत किसानों के जमीन अधिग्रहण मामले में उच्च न्यायालय ने कठोर रुख अख्तियार किया है। अदालत में जमीन अधिग्रहण के मामलों में जोर जबरदस्ती और निर्धारित नियम कायदों का अनुपालन न किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। अग्रिम आदेश तक प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही जिला अधिकारी को 15 जनवरी को तलब किया है। राम नगरी अयोध्या को त्रेता काल के वैभव के अनुरूप ढालने और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सरकार की ओर से हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर एयरपोर्ट बनाने की योजना है। वही राम नगरी में भगवान श्री राम की विशालकाय प्रतिमा के अलावा म्यूजियम आर्ट गैलरी व अन्य की स्थापना की योजना पर काम शुरू किया गया है। योजनाओं के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में जमीनों के अधिग्रहण की कवायद शुरू की गई है हालाकी अनियमित मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। संबंधित क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि मुआवजा निर्धारण में अनियमितता बरती जा रही है और किसानों को सहमति देने और बैनामा करने के लिए प्रशासनिक तंत्र की ओर से डराया धमकाया जा रहा है। शासन प्रशासन से समाधान व मदद ना मिलने पर संबंधित क्षेत्र के किसान अदालत का रुख अख्तियार कर रहे हैं। एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण मामले में प्रभावित क्षेत्र गंजा के किसान त्रिलोकी यादव की ओर से उनके पुत्र दुर्गा प्रसाद व अन्य की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दाखिल की गई। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक सिंह व करुणेश सिंह पवार की पीठ ने जमीन अधिग्रहण के मामलों में निर्धारित नियम कानूनों के इतर अधिग्रहण के लिए प्रशासनिक तंत्र की ओर से जोर जबरदस्ती के चलन पर कड़ी नाराजगी जताई है। अपने आदेश में कहा है कि उचित प्रतिपूर्ति और निर्धारित नियमों का अनुपालन जरूरी है। संबंधित जमीन और मकान के मालिक की सहमति के बिना किसी प्राइवेट प्रॉपर्टी का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता। मुख्य सचिव अधिग्रहण के लिए किसानों के साथ जोर जबरदस्ती करने वाले और नियम कानूनों को दरकिनार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। याची के अधिवक्ता ओंकार नाथ तिवारी ने बताया कि उच्च न्यायालय के दो जजों की पीठ ने अग्रिम आदेश तक अधिग्रहण व समस्त कार्रवाई पर रोक लगाई है। प्रोजेक्ट नोटिफिकेशन समेत संबंधित कागजात के साथ जिलाधिकारी अयोध्या को 15 जनवरी को तलब किया है।

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