-भ्रमासक्ति-विकार है होमिसाइड का आधार
अयोध्या। मस्तिष्क का बिहैवियर-ब्रेक प्रीफ्रंटल-कार्टेक्स है जो आवेशी-व्यवहार पर लगाम लगाता है, तथा सकारात्मक निर्णय लेता है तथा ब्रेन-एक्सिलरेटर यानी एमिग्डाला अति सक्रिय होने से दिमाग़ एक ऐसी रेसिंग-बाइक बन जाता है जिसकी स्पीड बहुत ज्यादा पर ब्रेक बहुत कमजोर होता है और फिर यही मनोदशा ले जाती है आवेशी जघन्य-कृत्य की तरफ। इसके साथ ही ब्रेन में उत्तेजक-हार्मोन डोपामिन असामान्य रूप से बढ़ जाने से दिमाग़ हवा में उड़ने लगता है तथा ब्रेन-ब्रेक कमजोर हो जाता है।
इसकी बानगी जघन्य लव-ट्राएंगल क्राइम या शक-जनित या प्रेमान्ध-जनित स्वजन हत्या या होमीसाइड कृत्य के रूप में बढ़ती जा रही है। लव-बर्ड को पाने के लिये क्रूरतम विश्वासघाती कृत्यों पर अमादा हो जाने की बढ़ती मनोवृत्ति ऐसे आवेशी व्यवहार का नमूना है। नार्सिसिस्टिक, ड्रामैटिक या एंटीसोशल पर्सनालिटी-डिसऑर्डर से ग्रसित युवाओं में ऐसे कृत्यों पर उतारु होने की सम्भावना प्रबल होती है। रही सही कसर पूरी कर देता है डोपामिन-जनित मनोउत्तेजक-पदार्थ यानि नशीली वस्तुओं का सेवन।
जागरूकता व मनोपरामर्श है प्रभावी :
आत्ममुग्धता व्यक्तित्व विकार से ग्रसित युवा के रुग्ण-व्यक्तित्व की नींव बाल्यकाल से ही पड़ती है। ऐसे बच्चे बहुत ही जिद्दी होते है तथा जिद को मनवाने के लिये घातक कृत्यों पर भी उतारू हो जाते हैं। रही-सही कसर पैरेंट्स की रुग्ण-पैरेंटिंग व हमजोली-समूह पूरी कर देता है। किशोर होते-होते ये शातिराना करकतें भी करने लगते हैं, जिससे इनके ब्रेन में रिवार्ड-हार्मोन डोपामिन बढ़ता जाता है और शातिर कृत्यों से आसक्त हो कर ये भ्रमासक्ति-विकार या डिल्यूजनल-डिसऑर्डर के गिरफ्त में आ जाते हैं।
लव-बर्ड के विकृत रुप से आसक्तिवश ऐसे युवा होमिसाइड के कृत्य पे भी उतारु हो सकते हैं। बाल्य या किशोरावस्था में चिन्हित इस व्यक्तित्व विकार में बिहैवियर-थेरैपी से स्वस्थ-अंतर्दृष्टि का विकास किया जा सकता है जिसमे पैरेंट्स व स्कूल काउंसलर की जागरूकता प्रमुख है। राजामोहन मनूचा गर्ल्स पी जी कॉलेज के मेन्टल-हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत आवेशी-व्यवहार विकार संदर्भित कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा आलोक मनदर्शन ने यह बातें कहीं।
प्राचार्य प्रो मंजूषा मिश्रा की अध्यक्षता व मेन्टल हेल्थ नोडल ऑफिसर प्रो सुषमा पाठक के निर्देशन व डा पूनम शुक्ला के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में प्रो मीनू दुबे, प्रो सुषमा शुक्ला , प्रो कविता सिंह, डॉ ज्योतिमा सिंह व डॉ नेहा मिश्रा सहित समस्त शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित रहीं।