कार्तिक पूर्णिमा मेला को लेकर डीएम ने की बैठक
अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में तुलसी स्मारक भवन में शनिवार को कार्तिक पूर्णिमा मेला की व्यवस्था को लेकर रामनगरी के सम्भ्रात नागरिकों, व्यापारियों की बैठक का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बैठक में कहा कि परिक्रमा मेला भी प्रत्येक मेले की तरह निर्विघ्न और सुरक्षित कराया जाएगा मेले में कैजुवल्टी नहीं होनी चाहिए और परिक्रमा में बेस्ट परफार्मेंस करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश की बात कहते हुए कहा कि मेले को सकुशल संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होनें अधिकारियों को व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को सुबह 7 बजे ‘‘रन फॉर आस्था‘‘ में सभी लोग प्रतिभाग करें। दो हजार लोगों को टी-शर्ट भी दिया जाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों, व्यापारियों अधिकारियों को को ‘‘रन फॉर आस्था‘‘ में आने का निमंत्रण दिया। 100 लोगों को जो पहले पहुंचेगें उन्हें ट्रैक-शूट भी दिया जाएगा।
विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा रामनगरी को विश्व पटल पर ले जाने की है। सभी अधिकारी कार्यो को समय से पूरा कराने लेना चाहिए। अयोध्या की 258 सड़कों पर बहुत जल्द काम किया जाएगा। उन्होंने कहा ही हमारी हर तरफ से दृष्टि है। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होने दीपोत्सव को बेहतर बनाने की कोशिशो पर धन्यवाद ज्ञापन किया । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने कहा कि परिक्रमा मार्ग के संवेदनशील स्थानों पर बैरिकेटिंग किया जाएगा। मेले में जनता की सुविधा के लिए फ्लैश बोर्ड लगाने की बात कही।
वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार मिश्र ने कहा कि रेलवे क्रासिंग और रेलवे लाइन पर ध्यान देने की बात आकृष्ट कराया। सद्गुरु सदन गोलाघाट के पास सीढ़ियों पर बैरिकेडिंग कराने की आवश्यकता पर बल दिया। चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग को ठीक करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। सरयू तट पर मोटर बोट को सही रूप से संचालित करवाने की बात कही। मेले में पत्रकारो को पास या आई कार्ड देने की मांग किया। समाजसेवी संजय शुक्ला ने समस्याओं को ठीक ढंग से निवारण करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। वीआईपी मूवमेंट पर नया घाट पर छोटे दुकानदारों को विस्थापित न करने की मांग किया। वरिष्ठ पत्रकार कमलाकांत सुंदरम् ने वैडिग जोन घोषित करने की मांग किया। रामकोट के यलोजोन में लोकल लोगों को समन्वय बना कर कार्यवाही करने की बात किया। अखिलेश चतुर्वेदी ने मानस भवन के पीछे सड़क का अतिक्रमण समाप्त करने की बात कही। स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सीएमओ ने सफाई व्यवस्था के विषय में सरकार द्वारा किए गए प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि 12 एम्बुलेन्स की व्यवस्था किया गया है। दीपोत्सव में तीन स्थानों पर कैम्प लगाया जाएगा। 6 स्थानों पर मेडिकल टीम रहेगी। सड़कों पर पूरा काम किया जा रहा है। अधिकारियों की टीम कैम्प कर रहे हैं। मेले में 85 टायलेट मेला क्षेत्र में रहेंगे। भारी संख्या में सफाई कर्मचारियों को लगाया गया है। तीन पालियो में सफाई की जा रही है। डीपीआरओ द्वारा 350 कर्मचारियों को स्वच्छता के लिए लगाया गया। 400 कर्मचारियों को परिक्रमा क्षेत्र में लगाया गया है। जल निगम से बताया गया कि 17 हैण्डपम्प को ठीक कराने का काम चल रहा है। वन विभाग द्वारा बताया गया कि झाडियों को कटवा दिया गया है। बिजली विभाग के द्वारा बताया गया कि चौदह कोसी मेले को 12 क्षेत्रो में बांटा गया है। मेला में परिवहन विभाग से 100 बसों का संचालन किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक नगर विजय पाल सिंह ने पुलिस व्यवस्था के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। परिक्रमा मार्ग अवरोध विहिन होना चाहिए। भीड़ के दबाव पर पुलिस बल लगाया जाएगा। चौराहों और रेलवे क्रासिंग पर तीन बैरियर बनाया जाएगा। यातायात प्रतिबंध को समय से लागू किया जाएगा। स्नान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किया जाएगा। प्रमुख मंदिरों पर सुरक्षा प्रबंध किया गया है। संदिग्ध व्यक्तियों, वस्तुओं की सूचना तत्काल पुलिस को दे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अपर जिलाधिकारी नगर श्री वैभव शर्मा ने दीपोत्सव/कार्तिक मेला के सभी बिन्दुओं की जानकारी दी। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि यह मेला आपका है, इस मेले को पूर्ण रूप से दुर्घटना रहित बनाना हम सभी का दायित्व है, इसमें समाज के सभी वर्गो के लोग सहयोग करें और अयोध्या के महान गौरव को बढ़ाने का कार्य करें। बैठक में विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, अपर जिलाधिकारी नगर वैभव शर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट एस के सिंह, सूचना जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक अयोध्या मंडल मुरलीधर सिंह, अपर नगर आयुक्त सचिदानंद सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर विजय पाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त हरिश्चंद्र सिंह, डांडिया मंदिर महंत ने गिरीश दास, सद्गुरु सेवा संस्थान के वैद्य आरपी पांडेय, श्री जयरामदास शास्त्री, श्री श्रवणदास वरिष्ठ पत्रकार सहित पीडब्लूडी, जल निगम, चिकित्सा आदि विभागों के अधिकारी/प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अयोध्या अंक में अयोध्या की सर्वांगीण संस्कृति, अध्यात्मिकता एवं विविधता का समावेश
अयोध्या। मण्डलायुक्त मनोज मिश्र, सूचना निदेशक शिशिर व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देशन में अयोध्या अंक-2019 का प्रकाशन किया जाना है, जिसमें अयोध्या की सर्वांगीण संस्कृति, अध्यात्मिकता, विविधता का समावेश किया जाना है, इसमें लिखने वाले लेखको को सम्मान दिया जायेगा तथा इनके नाम से लेख भी प्रकाशित किया जायेगा, इसके लिये लेख 31 अक्टूबर 2019 तक साफ्ट एवं हार्डकापी में मण्डलीय सूचना कार्यालय अयोध्या तथा मण्डलीय सूचना कार्यालय के ई-मेल आई0डी0 पर आमंत्रित है। इसके विषयवस्तु के निर्धारण हेतु प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लेखक डा0 देवीसहाय पाण्डेय (दीप) (972395040) से उप निदेशक सूचना अयोध्या मण्डल, अयोध्या डा0 मुरलीधर सिंह द्वारा अनुरोध किया गया था।
इसके शीर्षक का विषयवस्तु निम्नवत् हैः- विश्व की प्राचीनतम नगरियों में प्रमुख अयोध्या का परिचय, कोसल जनपद का और उसकी राजधानी अयोध्या का भौगोलिक सीमांकन, अयोध्या पर एक दृष्टि-आदि से आजतक। अयोध्या के प्रमुख रघुवंशी राजाओं का परिचय। ‘सरयू सरि कवि कलुष नसावनि। अयोध्या नगरी के निर्माता मनु का एवं इक्ष्वाकु का परिचय, अयोध्या नगरी के नरेश महाराजा सागर और भागीरथ के लोक विषयक गौरव-पूर्ण कृत्य। अयोध्या के नरेश महाराजा दिलीप और रघु के अवदांन। रामकथा के नायक राम के चरित्र का विविधिरूपो में अध्ययन पुत्र रूप में, भ्राता रूप में, राजा रूप में, विजेता रूप में, सम-सुधारकर रूप में। भारत में राष्ट्रीय एकता के विधायक राम, महाराज कुश का परिचय।रामकथा के गायक वाल्मीकि और उनका रामायण और उसमें वर्णित अयोध्या तथा भारत का ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं लोक मंगल का दिव्य दर्शन। महाभारत में वर्णित रामकथा और अयोध्या का स्वरूप।पुराणों में वर्णित रामकथा और अयोध्या का स्वरूप। अध्यात्म रामायण में वार्जित रामकथा और अयोध्या स्वरूप। संस्कृति-नाटकों में वर्णित रामकथा और अयोध्या का स्वरूप। संस्कृति के महाकाव्यों में वर्णित रामकथा और अयोध्या का स्वरूप। त्रेता युगीन अयोध्या। राम के परम धाम-गमन के बाद की अयोध्या। बौद्ध काल और अयोध्या। पुष्यमित्र शुंक और अयोध्या। विक्रम संवत के चलाने वाले विक्रमादित्य का अयोध्या के विकास में योगदान। गुप्त सम्राटों के काल में अयोध्या। राजपूतों के शासन काल में अयोध्या। मध्ययुग में अयोध्या। ब्रिटिश शासनकाल में अयोध्या। स्वतन्त्र भारत में अयोध्या। जन्मभूमि मन्दिर सम्बन्धी विवाद। अयोध्या के प्रमुख मन्दिर (वैष्णव, शैव शाक्त, जैन आदि)। अयोध्या के घाट एवं कुण्ड। अयोध्या के पर्व और मेले। अयोध्या में रामलीला, दुर्गापूजा, दशहरा कथा वाचनादि की झलक। अयोध्या जनपद के तीर्थ। अयोध्या में विविध सम्प्रदायों की स्थिति। अयोध्या में संस्कृत पाठशालाएं, विश्वविद्यालय, रामकथ संग्रहालय एवं शोध संस्थान। अयोध्या मे काव्य-चेतनाः- साकेतक बौद्ध-दार्शनिक अश्वघोष एक परिचय, उसके महाकाव्य-बुद्धचरित, सौन्दरानन्द। मानस की रचना भूति अयोध्या और महाकवि तुलसीदास। तुलसी के काव्य में प्रतिबिम्बित अयोध्या। अयोध्या के राजदरबार में विकसित काव्य और कवि- (क) महाराजा मानसिंह (द्विजदेव) (ख) जगन्नाथ दास रचाकर (ग) श्रीराम नाथ ज्योतिषी। अयोध्या में रसिक सम्प्रदाय में विकसि काव्य- (क) श्री जानकी शरण ‘रसिकेश‘। (ख) श्री रामसखे। (ग) पं0 उमापति त्रिपाठी ‘कोविद‘। (घ) रघुनाथ दास ‘राम सनेही‘। (ड़) युगलानन्दशरण (हेमलता)। (च) महात्मा बनादास। प्रेमाख्यानक काव्य परम्परा के कवि शेख निसार एवं अन्य। साईंदाता सम्प्रदाय में साहित्य, निर्गुण सन्त पलटूदास। भाजपा के शासनकाल में अयोध्या का विकास, पुनरूद्धार और उसके उज्जवल भविष्य के अरूणोदय की आशाभरी प्रतीक्षा। अयोध्या अपने आंचल में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहर संजोए हुए है। सप्तपुरियों में शीर्षस्थ, विश्व की प्राचीनतम नगरियों में अग्रगण्या विश्व-विश्रुता अयोध्या की उपलब्धियों और विभूतियों से परिचय प्राप्त करने के उद्देश्य से उसके व्यापक अध्ययन की चेष्टा एक विशेषांक रूप में प्रकाशित करने के उद्देश्य से उसे अधोलिखित शीर्षकां में विभाजित कर प्रस्तुत किया जाएगा। अयोध्या में न केवल वैदिक धर्म या वैष्णव धर्म का ही बोल-बाला रहा है, अपितु जैन धर्म, शाक्त धर्म, शैव धर्म, निगुर्ण उपासक संतो, सिक्ख धर्मानुयायियां के विचार धाराओं और आस्थाओं का केन्द्र भी यहां की भूमि रही है। अयोध्या की विशेष पहचान रघुवंशी महीपो और उनमें राम के कारण और रामकथा के कारण हुई है, अस्तु इन सबका यथोचित प्रस्तुतीकरण होगा।
दोपोत्सव कार्यक्रम प्रसारण के लिए लगाई जायेगी एलईडी वैन
अयोध्या। 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई केन्द्रीय मंत्रीगण/उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण के अतिरिक्त विदेशी राजनेयिक व अन्य गणमान्य व्यक्तियों के सम्मिलित होने के साथ-साथ देश/प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालुं/दर्शको के भी अयोध्या आयेंगे।
इस अवसर पर भीड़ नियन्त्रण के दृष्टिगत जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के निर्देशानुसार 24 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2019 तक राम की पैड़ी पर नागेश्वनाथ से गांधी आश्रम नयाघाट की ओर 05 स्थानो पर एलईडी स्क्रीन, गुप्तारघाट, साकेत पीजी कालेज, आईटीआई अयोध्या, बिड़ला धर्मशाला, दशरथ महल, कनक भवन, तुलसी उद्यान, हनुमानबाग, झुनकीघाट, भजन संख्या स्थल तथा भरतकुण्ड थाना पूराकलन्दर पर एलईडी वैन लगायें जायेंगे, जिसके माध्यम से 26 अक्टूबर 2019 को दीपोत्सव कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जायेगा।
रामलला के दर्शन की अवधि में परिवर्तन
अयोध्या। अपर जिला मजिस्ट्रेट पीडी गुप्त ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शन की अवधि में बदलाव किया गया है। उन्होंने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक सुरक्षा ने पूर्व में दर्शन के समय के द्वितीय पाली में परिवर्तन करने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध के तहत प्रातः काल 7ः00 से 11ः00 बजे तक एवं अपराह्न 2ः00 बजे से 6ः00 बजे तक दर्शन का समय तय करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सूर्यास्त जल्दी हो जाने से अंधेरा हो रहा है। इसलिए 19 अक्तूबर से 31 मार्च तक दूसरी पाली में दर्शन की अवधि में परिवर्तन किया गया है। अब दूसरी पाली में दोपहर 1ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक दर्शन किया जा सकेगा।