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विश्व में नई पहचान दिला सकती है वैज्ञानिक प्रगति : प्रो. नीरज खरे

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन

अयोध्या।डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग एवं इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ फिजिकल साइंस( आई0ए0पी0एस0) के संयुक्त तत्वावधान में उच्चतर शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित श्रीसेंट एडवांसेस इन मैटेरियल साइंस एंड इलेक्ट्रॉनिक्सश् विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन भौतिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में किया गया। सेमिनार समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि आई0आई0टी0 दिल्ली के प्रो0 नीरज खरे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो0 पी0पी0 सहाय, एम0एन0आई0टी0 इलाहाबाद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेमिनार के संयोजक प्रो0 के0 के0 वर्मा ने की।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आई0आई0टी0 दिल्ली के प्रो0 नीरज खरे ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षण व्यवस्था को सुधारने और विकसित करने की आवश्यकता है। विज्ञान के क्षेत्र में ईमानदारी से वैज्ञानिकों, शोद्यार्थियों को अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। प्रो0 खरे ने एक लघु कथा का वर्णन करते हुए कहा कि वैज्ञानिक प्रगति हमे विश्व में नई पहचान दिला सकती है। शोद्यार्थियों को समूह चर्चा के माध्यम से निष्कर्षों तक पहुॅचना चाहिये ताकि विषयवस्तु तक पहुॅचा जा सके। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो0 पी0पी0 सहाय ने कहा कि आज का समय तकनीकी और वैज्ञानिक विन्दुओं का है। वैज्ञानिक विमर्श एक महत्वपूर्ण विषय है इसके माध्यम से कई वैज्ञानिकों के विचार, अनुभव साझा किये जाते है। इससे शोध कार्य एवं शिक्षण तकनीक समृद्ध होती है।
अध्यक्षता कर रहे सेमिनार के संयोजक प्रो0 के0 के0 वर्मा ने कहा कि इस वैज्ञानिक युग में निरन्तर अपडेट रहना शिक्षकों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं के लिये आवश्यक है। वैज्ञानिक अविष्कारों ने तेजी से सभी तकनीकी क्षेत्रों में वृहद परिवर्तन कर दिया है। संचार तकनीक जिस प्रकार तेजी से आगे बढ़ रही है इससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए चुनौतियां भी बढ़ रही है। यह आवश्यक होगा कि विज्ञान की इस दुनियां में आगे बढ़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधानों की परिचर्चा शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के स्तर कराई जाये। सेमिनार में डॉ0 मंगेज कुमार आई0ई0टी0 बी0एच0यू0 ने संबोधित ने भी किया।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती मॉ की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत मुख्य नियंता प्रो0 आर0 एन0 राय ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार का संचालन आयोजन सचिव डॉ0 नरेश चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
समापन सत्र के पूर्व सेमिनार में “विज्ञान दिवस” के अवसर पर सेमिनार में प्रतिभाग किये शिक्षक वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों ने प्रो0 सी0वी0 रमन की उपलब्धियों एवं उनके वैज्ञानिक योगदान के लिए याद किया। चतुर्थ समानान्तर तकनीकी सत्र में प्रो0 नीरज खरे आई0आई0टी0 दिल्ली, प्रो0 पी0पी0 सहाय, एम0एन0आई0टी0 इलाहाबाद, प्रो0 एम0के0 मंशाराम, आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, प्रो0 भाष्कर भट्टाचार्य बी0एच0यू0 वाराणसी द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कई महत्वपूर्ण पक्षों पर अपने शोध पत्र एवं प्रस्तुति के माध्यम से प्रमुख विन्दुओं को रखा। सत्र समन्वयक डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, डॉ0 नरेश चौधरी एवं डॉ0 अनिल कुमार यादव ने रहे। आंमत्रित सदस्यों में प्रो0 रमापति मिश्र निदेशक आई0ई0टी0 अवध विश्वविद्यालय, डॉ0 हिमांशु भूषण बास्के डी0आर0डी0ओ0 कानपुर ने अपनी प्रस्तुति संचार तकनीक के आधुनिक सिस्टम पर दी। इस अवसर पर डॉ0 आर0 के0 सिंह, डॉ0 राजेश विश्वकर्मा, प्रो0 एल0के0 पाण्डेय, सांम्भवी शुक्ला, डॉ0 अश्वनी कुमार, इं0 रमेश मिश्र, इं0 परिमल त्रिपाठी, डॉ0 अनिल कुमार यादव, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा, डॉ0 आर0 एन0 पाण्डेय, डॉ0 अनिल विश्वा, डॉ0 कपिल देव, डॉ0 प्रवीण राय सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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