सड़क दुर्घटना में बचाए जान, नेक व्यक्ति की यही पहचान

by Next Khabar Team
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-सभी चालक एम्बुलेंस को (राइट आफ वे) पहले जाने का रास्ता दें : ऋतु सिंह

अयोध्या। भारत सरकार की और प्रदेश सरकार के मंशानुसार सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने के लिए सभी स्टेक होल्डर विभागों द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। जैसे- सड़क सुरक्षा माह/पखवाड़ा/सप्ताह जिसमें जागरूकता के साथ प्रवर्तन कार्यवाही भी की जाती है, ब्लैक स्पाट सुधारीकरण, सेमीनार इत्यादि। किन्तु हर नागरिक सड़क दुर्घटना रोकने हेतु सजग होगा तभी दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लायी जा सकती है। सड़क दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति को यदि ससमय चिकित्सीय सहायता मिल जाय तो भी मृत्यु के आँकड़ो में कमी लायी जा सकती है क्योंकि घायलो की समय पर अस्पताल न पहुँच पाने के कारण भी मृत्यु हो जाती है। अतः ऐसी स्थिति में बिना डरें हर नागरिक को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।

उक्त जानकारी देते हुए सम्भागीय परिवहन अधिकारी ऋतु सिंह ने बताया कि घायलों को समय से सहायता प्रदान करने और समाज में मानवीय संवेदनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचना संख्या आरटी-25035/27/2021-आरएस दिनांक 21 अप्रैल, 2025 द्वारा राहवीर योजना शुरू की गयी जिसे उत्तर प्रदेश में भी लागू किया गया है। इसके अंतर्गत गंभीर सड़क दुर्घटना में घायलों को गोल्डेन आवर (दुर्घटना के तत्काल बाद का एक घण्टा) के अन्दर सहायता पहुँचाने और अस्पताल पहुँचाने वाले नेक व्यक्ति को प्रोत्साहन के रूप में सरकार की ओर से रू. 25000 की धनराशि दी जाती है। गोल्डेन आवर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के तत्काल बाद के पहले घण्टे को कहा जाता है जिसमें समुचित चिकित्सीय सहायता मिलने पर व्यक्ति की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है। जिलास्तरीय समिति राहवीर के नाम का चयन करती है। अक्सर सड़को पर ऐसे दृश्य देखने को मिलते है जहाँ एम्बुलेंस ट्रैफिक जाम में फँसी होती है। यह स्थिति बहुत खेदजनक है। सभी चालकों को यह जानना जरूरी है कि एम्बुलेंस को “राइट ऑफ वे“ का अधिकार प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि अन्य सभी वाहनों को एम्बुलेंस को पहले रास्ता देना चाहिए। इसके लिए हर वाहन को किनारे होकर एम्बुलेंस को पहले आगे जाने देना चाहिए।

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सभी वाहन स्वामियों को भी अपने चालको को इसके लिए जागरूक करना चाहिए ताकि दुर्घटना के तत्काल बाद घायल या एम्बुलेंस में सवार गंभीर बीमार व्यक्ति हो, को समय पर चिकित्सीय सहायता मिल सके। उन्होंनेक बताया कि मोर्थ की अधिसूचना संख्या 163 दिनांक 25 फरवरी, 2022 द्वारा “टक्कर मारकर भागना मोटरयान दुर्घटना पीडित प्रतिकर स्कीम, 2022“ में हिट एण्ड रन मामलो में अज्ञात वाहनों द्वारा दुर्घटना कारित करने पर घायल व्यक्ति को 50,000 एवं मृतक के परिजनों को रू. 2,00,000 की आर्थिक सहायता प्राविधानित है जिसमें जिला स्तरीय समिति के समक्ष निर्धारित रीति से आवेदन करने पर दावा सही पाये जाने पर सहायता राशि स्वीकृत की जाती है।इन योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट उवतजी.दपब.पद या अपने जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आरटीओ अयोध्या ऋतु सिंह द्वारा बताया गया कि सभी सड़क सुरक्षा बैठकों में चिकित्सा विभाग, जिला प्रशासन व परिवहन विभाग के अधिकारियों को इन योजनाओं और नियमों के बारें में जनता के बीच जागरूकता फैलाने के निर्देश निरन्तर दिये जा रहे हैं। अतः सभी से अपील है कि बिना सड़क दुर्घटना होने पर जागरूक नागरिक की तरह पुलिस, अस्पताल या 112 नंबर पर सूचना दें और बिना किसी डर या हिचक के दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल पहुँचाने में मदद करें क्योंकि सड़क दुर्घटना में बचाए जान, नेक व्यक्ति की यही पहचान है।

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