– गुरूद्वारा दुःख निवारण में मनायी गयी संत रविदास की जयंती
अयोध्या। संत रविदास जात पात से ऊपर उठकर काम करते थे। समाज में छुआछूत खत्म करने में संत रविदास की भूमिका अत्यंत ही प्रभावी रही। उक्त बातें मुख्य अतिथि अवध विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो. अजय प्रताप सिंह व विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसके पाठक ने गुरूद्वारा दुःख निवारण में संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह में कही। रविदास जयंती पर गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब में बड़े धूमधाम से मनाई गई जिसमें भक्त रविदास जी की जीवनी पर संक्षिप्त जीवनी पुस्तक का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया इस दौरान भजन कीर्तन के अलावा लंगर का भी आयोजन किया गया जिसमें बाबा महेंद्र सिंह अयोध्या वाले एवं बाबा निशू व मनी सिंह का कीर्तन भी हुआ छोटे-छोटे बच्चों ने गुरुद्वारा साहिब में भक्त रविदास जी की जीवनी पर अपने अपने विचार रखे। मुख्य नियंता प्रो अजय प्रताप सिंह कहा कि संत रविदास जी कबीर के समकालीन थे। वे बनारस में रहते थे। वे उच्च कर्म करने वाले व्यक्ति थे। गुरुनानक जी का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य जात पात से बड़ा नहीं हो सकता। मनुष्य का जीवन तो उसके कर्म पर निर्भर करता है। जाति व धर्म से कोई अच्छा व बुरा नहीं हो सकता है। अच्छाई कर्म से आती है जाति से नहीं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एसके पाठक ने कहा कि जो भी व्यक्ति रविदास जयंती को मनाते हैं उनको यह प्रयास करना चाहिए कि जातीय विभेद से ऊपर उठकर काम करने की लोगों को प्रेरणा दें। रविदास ने हमेशा इंसानियत का पैगाम दिया। इससे पूर्व समारोह का उद्घाटन गुरु नानक एजुकेशनल सोसायटी के सचिव प्रतिपाल सिंह पाली ने दीप प्रज्वलित कर किया।स्थानीय गुरुनानक स्कूल के छात्राओं ने गीत प्रस्तुत किया। गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों ने सभी श्रद्धालुओं का माला देकर स्वागत किया व प्रसाद वितरण किया। इस दौरान कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सरदार गुरुचरण सिंह प्रितपाल सिंह गांधी जसवीर सिंह सेठी आतम जीत सिंह सोनू सिंह अमनदीप सिंह बॉबी सिंह बंटी भैया एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे