पुराने तीज-त्यौहार को उत्सव के रूप में मनाये सिंधी समाज: सांई चाण्ड्रूराम
अयोध्या। सिन्धी समाज अपने पुराने तीज-त्यौहार व सन्तों महापुरूषों के उत्सव और महोत्सव पूरे उल्लास के साथ मनायें ताकि सिन्धी समाज की पुरानी संस्कृति जिन्दा रहे। यह उद्गार लखनऊ से पधारे सन्त गुल्लूराम साहिब के 50वें वार्षिक उत्सव के समापन के अवसर पर रामनगर कालोनी स्थित अमर शहीद सन्त कँवरराम धर्मशाला में आयोजित उत्सव में शिवशान्ति सन्त आसूदा राम आश्रम के पीठाधीश्वर सांई चाण्ड्रूराम साहिब ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पुरानी परम्पराओं को कायम रखने के लिये सिन्धी समाज की सामाजिक व धार्मिक संस्थायें युवाओं को प्रेरित करें। तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव के अवसर पर पधारे गोरखपुर के सांई रवि दास ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों, सन्तों व महापुरूषों का देश है। जहाॅं सभी सन्तों का सम्मान है। उत्सव में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए सांई नितिन राम ने कहा कि संतों ने ही देश व दुनियों को तरक्की व उन्नति का मार्ग दिखाया है। इस मौके पर प्रेम प्रकाश आश्रम के सन्त भावन दास ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि नौजवान अपने परिवार के बड़े सदस्यों का आदर और सम्मान करें। उन्हीं के आशीर्वाद से उनकी तरक्की और उन्नति होगी। उ0प्र0 सिन्धी अकादमी के उपाध्यक्ष नानकचन्द लखमानी ने कहा कि सिन्धी भाषा और साहित्य को बचाने के लिये अपने-अपने घरों में एक दूसरे से सिन्धी भाषा में ही वार्ता करें ताकि भाषा जीवित रह सके। उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष व सिन्धी समाज के प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि तीन दिवसीय सन्त गुल्लूराम साहिब के 50वें वार्षिक उत्सव के समापन अवसर पर शहजादा सांई मोहनलाल, सांई महेश लाल, सांई महेन्द्र लाल आदि संतों ने अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये। उत्सव में मंच पर मौजूद सभी सन्तों ने केक काटकर उत्सव की बधाई दी। इस मौके पर लखनऊ से पधारे मनीष कुमार और पवन कुमार ने भजन प्रस्तुत किया। मंच पर मौजूद संतों का स्वागत वार्षिक उत्सव के आयोजक दिनेश कुमार व कपिल कुमार ने माला पहनाकर व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। उत्सव का संचालन गिरधारी चावला ने किया। इस मौके पर वरियाल दास नानवानी, दयाल दास मदान, भीमन दास माखेजा, आसूदा राम बत्रा, राजकुमार जीवानी, अशोक मदान सुखी, वेद प्रकाश राजपाल, ओम प्रकाश अंदानी, भजन लाल कालाणी, जगत लालवानी, कमलेश केवलानी, जितेन्द्र खत्री, श्याम मंध्यान, हरीश सावलानी, सुरेश पंजवानी, जितेन्द्र माखेजा, मुस्कान सावलानी, किरन पंजवानी, प्रिया वलेशाह, नीलम राहेजा, सीमा रामानी, एकता जीवानी आदि ने संतों का स्वागत किया।
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