संत कवरराम के 80वें बलिदान दिवस पर हुई भजन संध्या
अयोध्या। शहीद संत कवरराम जिन्होंने सदैव देश और दुनिया को प्रेम, प्यार व भाईचारा और अमन चैन का संदेश दिया। उन्होंने हमेशा हिंसा से परे रहने की लोगों को शिक्षा दी। यह उद्गार सांई नितिन राम ने रामनगर कालोनी के संत सतराम दास दरबार में अमर शहीद संत कवरराम के 80वें बलिदान के अवसर पर सिन्धी कॉलामों व भजनों से संत कवरराम श्रद्धाजंलि देकर व्यक्त किये। इस मौके पर संत कवरराम के चित्र पर माल्यार्पण व मोमबत्ती जलाकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी। उन्होंने कहा कि 01 नवम्बर, 1939 को कातिलों ने सिन्धु के दादू शहर की रूक स्टेशन पर गोली मार दी और कवरराम शहादत का जाम पीकर अमर हो गये। उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी व अमर शहीद संत कवरराम मिशन के अध्यक्ष राजकुमार जीवानी ने कहा कि देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल ने 2014 में राष्ट्रपति भवन में संत कवरराम पर डाक टिकट जारी किया था जो कि सिन्धी समाज के लिये गौरव की बात है। संत कवरराम राहगीरों के हमराह, दीन दुखियों के दिलदार, गरीबों के यार, मोहताजों के मददगार, उदारता के अवतार, अनाथों के नाथ, सत्य, धर्म और मर्यादा के समर्थक एवं सर्वधर्म सम्भाव के पुरोधा थे। उन्हें मानवता का मसीहा भी कहा जाता था। सिन्धी काउसिंल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डा0 महेश सुरतानी व यूथ के अध्यक्ष उमेश जीवानी ने कहा कि संत कवरराम अपने संगीतमय कॉलामों व भजनों से देश और दुनिया को प्रेम, एकता, भाईचारा व धर्म-निरपेक्षता का संदेश दिया। सिन्धु महिला परिवार की अध्यक्ष मुस्कान सावलानी व सिन्धु महिला समिति की अध्यक्ष किरन पंजवानी ने कहा कि संत कवरराम सत्य, धर्म और मर्यादा के समर्थक थे। दो पल संस्था की संयोजिका नीलम मंध्यान व सिन्धु महिला परिवार की महासचिव प्रिया वलेशाह ने कहा कि संत कवरराम कहते थे मनुष्य वह है जो मानवता के लिये जिये और मरे, सच्चा संत वही है। श्रद्धाजंलि समारोह में बड़ी संख्या में महिलाओं, पुरूषों और बच्चों ने संत कवरराम के चित्र पर पुष्पाजंलि और कैण्डिल जलाकर श्रद्धा सुमन अर्पित की।