-संत- धर्माचार्यों ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से की मुलाकात
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या की आचार्य पीठ तपस्वी छावनी की महंती को लेकर चल रही गोलबंदी के बीच बड़ी संख्या में संत- धर्माचार्यों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की। तपस्वी छावनी मंदिर के संचालन के लिए गठित ट्रस्ट के निर्णय का अनुपालन कराने और तथाकथित उत्तराधिकारी व उनके सहयोगी अराजक तत्वों की ओर से मंदिर पर कब्जा तथा विवाद रोकने की मांग की है। धर्मनगरी के विभिन्न मठ मंदिरों के महंत तथा सन्त सुबह कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी के हाईकोर्ट में होने के चलते एडीएम प्रशासन और एसपी सिटी से मुलाकात की और डीएम को संबोधित मांग पत्र सौंपा। इसके बाद डीआईजी कार्यालय पहुंच डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात की और प्रकरण की विस्तार से जानकारी दी।
संत महंतों ने बताया कि पीठ के संचालन के लिए महंत सर्वेश्वर दास ने अपने जीवित रहते 2019 में 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया था।मं.सर्वेश्वरदास व हरचरण दास गोंडल वाले की मौत के चलते ट्रस्ट ने 2 सितंबर को नौ ट्रस्टियों के साथ बैठक कर सर्वसम्मति से दिलीप दास जगन्नाथ मंदिर जलालपुर दरवाजा अहमदाबाद को ट्रस्ट का अध्यक्ष और डीड के मुताबिक पीठ का महंत चुन लिया गया। साथ ही ओम प्रकाश दास को सह उपाध्यक्ष चुना गया है। पीठ के संचालन और महंत तय करने का अधिकार ट्रस्ट को है। आगामी 12 सितंबर को भंडारा और महंती के लिए कंठी चादर का कार्यक्रम तपस्वी छावनी में होना है। बावजूद इसके अपने को तथाकथित रूप से शिष्य बताने वाले परमहंस दास अपने सहयोगी अराजक तत्वों के साथ मंदिर पर कब्जा और विवाद उत्पन्न करना चाहते हैं।
संतो ने पुलिस प्रशासन से ट्रस्ट के निर्णय का अनुपालन कराने और नाजायज हस्तक्षेप रोकने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में कनक महल मंदिर के महंत सीताराम दास, हनुमत सदन के मं.अवध किशोरी शरण, चारुशिला मंदिर के जगद्गुरु वल्लभाचार्य, रामजी मंदिर गोंडल गुजरात के महंत जयराम दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, बड़ा स्थान दशरथ महल के मं.कृपाल भूषण दास, राम वल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, पत्थर मंदिर के मं.मनीष दास, बड़ा फाटक रामघाट के मं.संदीप दास, श्यामा सदन के मं. श्रीधर दास, तपस्वी छावनी के दामोदर दास व रामानंद दास, मिथिला संत सेवा आश्रम के मं. रामदास, विश्वामित्र आश्रम रामकोट के राधेश्याम रामायणी, हनुमान मंदिर के मं.राम बालक दास समेत राम हर्षण कुंज, छोटी छावनी, खाक चौक तथा अन्य मठ-मंदिरों के महंत और संत शामिल रहे।