गोसाईगंज में रोजा इफ्तार का हुआ आयोजन
गोसाईगंज-अयोध्या। रोजा रमजान का पवित्र महीना सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व से भी अहम माना जाता है। क्योंकि रमजान का रोजा सिर्फ इबादत की नहीं बल्कि सैकड़ों बीमारियों से भी बचाता है। यह बातें स्थानीय गोसाईगंज नगर के डा. मेराज अली बताया।
गोसाईगंज में शुक्रवार को रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन नगर के डॉ मेराज क्लीनिक कटरा गोसाईगंज डॉ जुनेद आलम के नर्सिंग होम चिकित्सालय पर किया गया। जिसमें 25 से अधिक प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। एक दवा कंपनी एमिल के इस धार्मिक कार्य की सराहना करते हुए सामाजिक समरसता को कायम करने की दुआ दी। रोजा इफ्तार एलिम कंपनी के प्रतिनिधि बीएन पाठक किया उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम व्यवसायिक दृष्टिकोण से नही किया गया है। बीएन पाठक ने बताया कि यूटीआई इनफेक्शन एवं पथरी में प्रयोग होने वाली प्रमुख दवा नीरी भारत के अलावा 7 देशों में प्रमुख रूप से पाई जाती है। इसकी क्वालिटी और गुणवत्ता की वजह से आज भी नंबर 1 की पोजीशन पर बनी हुई है। अभी हाल किडनी की सबसे सफल दवा नीरी कैफ नाम से यूरोपियन देश के अलावा अमेरिका में इस दवा कंपनी के गुणवत्ता की विशेषता के कारण एमिल फार्मास्यूटिकल को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। वहीं मुस्लिम समाज के इस पवित्र मांस में रोजा रखने वाले को जानकारी देते हुए डॉक्टर मेराज अली ने बताया कि खाली पेट रहने या कम मात्रा में खाने से शरीर का वजन कम होता है। हेल्थ एक्सपर्ट माना मानना है कि रोजा रखने से वजन कम होने के साथ-साथ कोलेस्ट्राल भी कम होता है। साथ ही कैंसर हार्ट अटैक स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ हसन जफर ने बताया कि रोजे के दौरान दिन भर भूखे रहने के बाद शाम को खाने से शरीर में एडिपोनेक्टिन नामक हार्मोन बनता है। जो शरीर के ज्यादातर न्यूट्रिएट्स अब्जार्ब करने में मदद करता है। तथा मेटाबालिज्म को भी बेहतर रखता है। डॉक्टर जावेद ने बताया कि धूम्रपान अल्कोहल तथा तंबाकू की लत को दूर करने में रोजा अहम माना जाता है। इस मौके पर डॉ हसन जफर डॉ एजाज अहमद डॉ मेरा जन्म डॉक्टर साहब डॉक्टर जुनैद डॉ बाबत डॉक्टर अख्तर हुसैन डॉक्टर इसरार आदि मौजूद थे।