दीक्षांत सप्ताह के अन्तर्गत क्रिस्टल इंजीनियरिंग विषय पर हुआ व्याख्यान
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 24 वे दीक्षांत समारोह के तहत दीक्षांत सप्ताह के अर्न्तगत भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में “क्रिस्टल इंजीनियरिंग” विषय पर स्मार्ट क्लास रूम में आमंत्रित व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्य सरकार से सम्मानित लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग की ख्यातिलब्ध शिक्षाविद एवं विभागाध्यक्ष प्रो0 पूनम टंडन रही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो0 पूनम टंडन ने बताया कि जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए रसायनिक दवाओं की भूमिका दिनों दिन बढ़ रही है। चरक संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथों में इसका वर्णन स्पष्ट है। दुनिया की आबादी बढ़ने के साथ ही मानव जाति के लिए स्वास्थ्य की चुनौतियां काफी बढ़ी है लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए हमें नयी किस्म की दवाइयों का विकास करने की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। प्रो0 पूनम ने बताया कि बाजार में दवा लांच करने में 10 से 15 वर्ष का समय लगता है। अच्छी दवा का एक महत्वपूर्ण गुण पानी में उसकी घुलनशीलता है। 70 से 90 प्रतिशत दवाओं की घुलनशीलता पानी में काफी कम होती है। यह स्थिति भौतिक रासायनिक गुणों को कम करती है एवं कम असरकारी होती हैं। प्रो0 टण्डन ने बताया कि बड़ी फर्मों में एस्ट्राजेनिका, एली लिली और फाइजर जैसी कम्पनियों ने 812 दवाइयों पर परीक्षण कर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इनमें खराब फार्मकोकाइनेटिक और जैविक कम पायी जाती है। प्रयोगशाला में पहले से उपलब्ध दवा की आणविक संरचना में मामूली संशोधन कर दवाइयों के भौतिक रासायनिक गुणों में सुधार कर उपयोगी बनाया जा सकता है। फार्मासूटिकल यौगिक मानव जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं ये केवल बीमारियों के इलाज के लिए ही नहीं बल्कि मानव आयु को बढ़ाने में भी सहयोग करते हैं।
स्वागत भाषण में विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 के0के0 वर्मा ने प्रो0 पूनम टंडन के अकादमिक उपलब्धियों का करते हुए कहा कि वर्तमान समय में इस तरह के कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं को देश के स्तर पर हो रहे शोध के विषय में पता चलता है। उनमे शोध अभिरुचि एवं जिज्ञासा उत्पन्न की जा सकती है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेटकर किया गया। इस अवसर डॉ0 अनिल कुमार, डॉ0 सिंधु सिंह, डॉ0 अनुपम श्रीवास्तव, डॉ0 अश्विनी कुमार, डॉ0 जीतेन्द्र कौशल श्रीवास्तव, डॉ0 मिथिलेश तिवारी, डॉ0 ज्ञानेश्वर कुमार गुप्ता, डॉ0 रजत चौरसिया, डॉ0 बीर बहादुर सिंह, डॉ0 अनूप श्रीवास्तव सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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