लोकगीतों व अवधी गीतों पर कलाकारों संग झूमे लोग
अयोध्या। राजकीय इण्टर कालेज मैदान में चले रहे अयोध्या महोत्सव में देशभक्ति तथा रंगारंग कार्यक्रमों के साथ लोकगीतों तथा अवधी गीतों पर आये हुये दर्शक अपने चिर परिचित अन्दाज में झूमते नजर आये। इस कार्यक्रम का उद्घाटन तथा दीप प्रज्जवलन अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ भाजपा नेता निरंकार सिंह, ज्ञान केशरवानी , दुर्गा प्रसाद तिवारी ‘‘आफत’’, अयोध्या महोत्सव समिति के अध्यक्ष हरीश कुमार श्रीवास्तव तथा महासचिव चन्द्रप्रकाश गुप्ता, अरूण द्विवेदी ने किया। तत्पश्चात आये हुये कलाकारों का स्वागत किया गया इस अवसर पर अयोध्या महोत्सव समिति के तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे। वाणी विकलांग संस्थान ने अपनी देशभक्ति से ओतप्रोत अयोध्या महोत्सव के सांस्कृतिक मंच पर प्रस्तुति प्रदान की जिसमें आया हुआ जनसमूह कर्तल ध्वनि में तालियां बजाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर विद्यालयी कार्यक्रम में झुनझुनवाला कालेज के छात्रों और छात्राओं ने अपना अभिनव कार्यक्रम देशभक्ति पर समूह नृत्य करके प्रस्तुत किया तथा डी0आर0एम0 स्कूल के बच्चों ने अपना समूह नृत्य पेश किया। जिसमें उनका उत्साह ही देखते बनता था। आयी हुई अपार भीड़ ने बच्चों का स्वागत कर्तल ध्वनि से ताली बजाकर किया। इसका संचालन कल्पना वर्मा ने किया।
संध्याकालीन कार्यक्रम में लखनऊ से आयी हुई शिप्रा चन्द्रा तथा उनकी साथी कलाकारों ने लोकगीत प्रस्तुत करके लोगों में भक्ति भाव भर दिया। चाहे वह भगवान राम पर छाप तिलक सब छीनी ….. या दमादम मस्त कलन्दर या छोटी छोटी गैइया छोटे छोटे ग्वाल जैसे गीत लोगों के बीच में प्रस्तुत किया। तो भव्य पण्डाल में आयी हुई भीड़ में भक्तिभाव का संचार दिखा।
इसी क्रम सुरेश कुश्वाहा एवं साथी कलाकारों ने अवधी गीत अंगनईया में बहुरा ….. सबने रहिया आवे माई के …. या अंगुरी में डसले नगिनियां …. आदि गीतों को प्रस्तुत करके लोगों के मन स्थलों पर अपना स्थान बनाया। जिसका स्वागत लोगों ने ताली बजाकर दिखाया। इस अवसर पर अयोध्या महोत्सव महासचिव आकाश अग्रवाल, सचिव नाहिद वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार पाण्डेय ‘खुन्नू’, उपाध्यक्ष जयशंकर श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अमल गुप्ता, उपाध्यक्ष विष्णु प्रकाश श्रीवास्तव, जयांश, रागिनी सिंह, राजकुमार, विजय यादव, राजेश गौड़, राघवेन्द्र कुमार, आशीष शुक्ला, अंकित सिंह , विवेक पाण्डेय, बृजमोहन तिवारी, संदीप कुमार, सौरभ आदि उपस्थित रहे।
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