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प्रवासियों के दर्द को झलकाती Ashish Sonkar की शॉर्ट फिल्म (Rip Humanity)

शॉर्ट फिल्म में आशीष सोनकर ने निभाया है लीड रोल

ब्यूरो। आज के समय में कोराना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया को झकझोर के रख दिया है। भारत समेत आज पूरी दुनिया लॉकडाउन में है। भारत में लगभग 2 महीने से लॉकडाउन लगा रखा है। इस लॉकडाउन में दूसरे राज्य में काम की तलाश में जाने वाले लोग अब उन राज्यों में फंस चुके हैं। इन लोगों के पास न तो कोई रोजगार है और ना ही अपने घर जाने हेतु पैसा है। हमें पता नहीं है, की इन प्रवासियों की मजबूरी क्या है और वो किन-किन कष्टों को सहन कर रहे हैं।
इन सभी समस्याओं को दिखाने के लिए “crack creations films Pvt.ltd” ने शॉर्ट फिल्म “Rip Humanity” का निर्माण किया है। इस शॉर्ट फिल्म में आशीष सोनकर ने लीड रोल निभाया है। आशीष सोनकर एक प्रसिद्ध एक्टर है। इन्होंने बहुत से एड्स, शॉर्ट फिल्म्स, थिएटर और सीरियल में काम करने के साथ-साथ zee5 जैसे प्रसिद्ध ब्रांड की वेब सीरीज भी साइन की है। आशीष सोनकर ने अपनी दमदार अदाकारी के दम पर बहुत से अवार्ड भी जीते हैं। हाल ही में इन्होंने Silver screen international film festival 2019 में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता है। “Rip Humanity” आशीष सोनकर की एक प्रसिद्ध शॉर्ट फिल्म है, जो आज के समय में प्रवासियों के दर्द को दिखाती है। शॉर्ट फिल्म में आशीष सोनकर ने ऐसे लड़के का रोल निभाया है। जो सभी के लिए मानवता दिखाता है और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद करता है, लेकिन जब उसे मदद की आवश्यकता होती है। तो उसके साथ कोई नहीं होता है।यह कहानी आज के समय में मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहने वाले स्ट्रगलिंग लोगों और प्रवासियों पर एकदम सही बैठती है। यह “Rip Humanity” शॉर्ट फिल्म प्रवासियों के दर्द को दिखाती है।

क्या है! Rip Humanity की कहानी और क्यों देखें ?

इस शॉर्ट फिल्म में आशीष सोनकर ने प्रवासी स्ट्रगलिंग एक्टर अरमान का रोल निभाया है। जो अपने सभी दोस्तों की मदद करता है। लेकिन जब वो दीपावली पर अपने घर जाना चाहता है। उसके पास टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं होते हैं, अपने सभी दोस्तों को उधार दिए गए पैसे मांगता है लेकिन उसकी कोई भी मदद नहीं करता है। दीवाली पर घर नहीं आने के कारण उसके पिता भी उस पर गुस्सा करते हैं।अपने परिवार और दोस्तों की मदद ना मिलने के कारण अरमान पूरी तरीके से इमोशनली और फाइनेंशली टूट हो जाता है। जब अरमान को सबसे ज्यादा जरूरत अपने दोस्तों के और परिवार की होती है। तब उसकी मदद के लिए कोई नहीं होता है। जिस कारण अरमान आत्महत्या कर लेता है। अरमान को यह महसूस हो जाता है कि दुनिया में मानवता नाम की कोई चीज नहीं है। अरमान मरने से पहले फेसबुक पर अपनी आत्महत्या के बारे में लिखता है लेकिन उसकी आत्महत्या को रोकने की कोशिश कोई नहीं करता है। उसके मरने के बाद अरमान के दोस्त दुनिया को झूठी हमदर्दी दिखाते हैं। आज के समय जब कोराना वायरस के कारण प्रवासी लोग अपने घर नहीं जा पा रहे हैं और उनके पास खाने योग्य पैसा भी नहीं है। इस समय उनकी मदद करना ही मानवता दिखाना है “Rip Humanity” शॉर्ट फिल्म का यही मकसद है कि प्रवासी लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए।

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