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डीएपी खाद को लेकर साधन सहकारी समितियों पर मारा मारी

-तहसील क्षेत्र में समितियों के हैं 23 केंद्र कहीं पर नहीं है खाद

मिल्कीपुर। किसान डीएपी खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। फसलों की बुआई के समय सहकारी समितियों पर डीएपी का स्टॉक समाप्त हो चुका है, डीएपी के लिए किसान समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। उधर कर्मचारी साधन सहकारी समितियों पर ताला बंद कर लापता हैं। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में गेहूं,मटर सरसों, की बुआई शुरू होते ही डीएपी का संकट बढ़ गया है। पिछले सप्ताह समितियों पर आई चार- चार सौ बोरी डीएपी खाद का वितरण हो चुका है।साधन सहकारी समितियों पर डीएपी का स्टॉक समाप्त हो गया है। स्टॉक समाप्त हो जाने पर जिम्मेदार कर्मचारी समितियों पर ताला बंद कर लापता हो गए हैं। तहसील क्षेत्र में कुल 23 सहकारी समितियां है।

लेकिन समितियों पर खाद न होने परघ् ताले लटक रहे हैं। डीएपी लेने के लिए पहुंच रहे किसान निराश लौट रहे हैं। लक्ष्य के सापेक्ष सहकारिता सेक्टर में डीएपी की आपूर्ति नहीं होने से संकट दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि, निजी दुकानों पर डीएपी मौजूद है। देबीदीन, राज कुमार ,बलराम, सत्यनारायण भवानी प्रसाद,बद्री विशाल आदि किसानों का आरोप है कि निजी दुकानदार डीएपी का निर्धारित से अधिक मूल्य वसूल रहे हैं।

मंगलवार को साधन सहकारी समिति देवगांव,बघौड़ा, मिल्कीपुर, अछोरा, अलीपुर खजुरी,घुरेहठा, अमानीगंज, खंडासा,सेमरा,मलेथू बुजुर्ग, कुचेरा समेत अन्य समितियों पर किसानों को डीएपी नहीं मिल पाई। जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि डीएपी खाद का रेक रात तक आ जाएगा सभी समितियों पर खाद को भिजवाया जाएगा फिलहाल गेहूं राजकीय बीज भंडार केंद्रों पर भेज दिया गया है किसान वहां से आसानी से गेहूं खरीद सकते हैं।

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