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मासिक धर्म पर दूर करें अज्ञान नारी शक्ति का करें सम्मान

-जीजीआईसी में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर हुई गोष्ठी

अयोध्या। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में विश्व महावारी स्वच्छता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया द्य इसमें जिला महिला चिकित्सालय की साथिया केंद्र की काउंसलर डॉ. पूजा सिंह ने माहवारी स्वच्छता विषय पर किशोरियों को खुलकर बात करने के लिए प्रेरित किया ताकि वे आगे चलकर गंभीर बीमारियों से बची रहे। विश्व महावारी स्वच्छता दिवस के मौके पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रथम प्रधानाचार्य कुसुम लता ने बताया कि उनके विद्यालय में इलेक्ट्रिक सेनेटरी पैड इनसिनेटर लगा है जिससे छात्रों को महावारी के दौरान पैड नष्ट करने की सुविधा मिलती है और गंदगी नहीं फैलने पाती हैं विश्व महामारी स्वच्छता पर छात्राओं को डॉक्टर पूजा सिंह ने सेनेटरी पैड का वितरण भी किया गया ।

डॉ पूजा सिंह ने कहा कि बहुत सी किशोरियों बताती हैं कि माहवारी के दौरान घर वाले उन पर बहुत सी पाबंदियां लगा देते हैं जो माहवारी के कष्ट को और बढ़ा देती हैं। किशोरियां परिवार में स्वयं में अलग-थलग महसूस करने लगती हैं, माहवारी के दौरान किशोरियों और महिलाओं में चिड़चिड़ापन आना सामान्य बात है परिवार के सदस्यों को उनके मनोभाव को समझना चाहिए।

उन्होंने मासिक धर्म स्वच्छता के तीन प्रमुख कारणों – जागरूकता में सुधार करना , सूती कपड़े जैसे सैनिटरी नैपकिन के लिए लागत प्रभावी सामग्री प्रदान करना, टॉयलेट और सेफ वॉटर जैसी उचित सुविधाएं सुनिश्चित करना, पर प्रकाश डाला और कहा कि अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो संख्या में आसानी से सुधार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि थीम का उद्देश्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां 2030 तक एक ऐसी दुनिया बनाना संभव हो जहां, मासिक धर्म के कारण कोई महिला या लड़की पीछे न रहे, इसका अर्थ है एक ऐसी दुनिया जिसमें हर महिला और लड़की को अपने मासिक धर्म को सुरक्षित, स्वच्छता से, आत्मविश्वास के साथ और बिना शर्म के अपनाने का अधिकार है।

हर कोई अपनी पसंद के मासिक धर्म प्रोडक्ट को यूज कर सकता है मासिक धर्म के बारे में सभी को बुनियादी जानकारी है हर कोई हर जगह पीरियड्स के अनुकूल पानी और स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग कर सकता है। उन्होंने बताया कि माहवारी के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, पैड या कपड़े को 4 से 5 घंटे में बदल देना चाहिए, ज्यादा देर इस्तेमाल होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस्तेमाल किए गए पैड को खुले में ना फेके , इसे किसी गड्ढे में दबा दें ,या फिर पालीथिन में लपेटकर डस्टबिन में फेक दे, नियमित स्नान व व्यायाम करें । खानपान का विशेष ध्यान रखें, हरे पत्तेदार सब्जियां, दाल, फल, अंडे, अंकुरित अनाज आदि का इस्तेमाल अपने पसंद अनुसार करें। बाहर की हानिकारक वस्तुएं खाने से बचें।

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