-ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन्स और खनिजों से भरपूर भोजन मानसिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक
अयोध्या। समग्र पोषण और वेलनेस का मूल मंत्र है शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करना। जब नियमित योगाभ्यास को संतुलित आहार के साथ जोड़ा जाता है, तो यह संयोजन जीवन में गहराई से बदलाव ला सकता है।
योगासन शरीर की लचीलापन, संतुलन और ताकत को बढ़ाते हैं, वहीं पोषक तत्वों से भरपूर आहार मांसपेशियों की मजबूती और पुनर्निर्माण में सहायक होता है। योग पाचन क्रिया को सुचारु बनाता है, और जब इसके साथ साबुत अनाज, फल-सब्ज़ियों जैसे सम्पूर्ण खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए, तो आंतरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। उक्त जानकारी आहार विशेषज्ञ शिखा मंडल ने दी।
उन्होंने बताया कि मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी यह समन्वित पद्धति अत्यंत लाभकारी है। योग की शांति प्रदान करने वाली प्रक्रिया और संतुलित आहार, दोनों मिलकर तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन्स और खनिजों से भरपूर भोजन मानसिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है, जबकि योग अभ्यास से मन अधिक शांत और स्थिर होता है।
इस लाभकारी जीवनशैली की शुरुआत धीरे-धीरे की जा सकती है। हल्के योगाभ्यास से आरंभ करें और अपनी गति के अनुसार आगे बढ़ें। आहार में ताजे फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, ताकि शरीर पूरी तरह से हाइड्रेटेड बना रहे।
जब हम नियमित योग और संतुलित आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं, तो उसका प्रभाव केवल शरीर तक सीमित नहीं रहता, बल्कि मन और आत्मा को भी सशक्त करता है। शिखा मंडल के मार्गदर्शन में आप इस समग्र जीवनशैली की पूर्ण शक्ति को जान सकते हैं। आज ही अपनी स्वस्थ, खुशहाल और संतुलित जीवन की ओर यात्रा शुरू करें।