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लाल सेना के कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया को पुण्यतिथि पर किया गया याद

– हीरक वर्ष में जिला प्रशासन के सलामी गार्डों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया

 

इटावा।  ज़िले के बसरेहर ब्लॉक अंतर्गत छोटे से लोहिया गांव में हलचल बनी रही। आज़ादी के लिए बड़ा जज़्बा दिखाते हुए अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए लाल सेना बनाने वाले कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की पुण्यतिथि थी. कमांडर को याद करने के लिए बड़ा कार्यक्रम आयोजित हुआ. लोगों ने इसमें खूब बढ़कर हिस्सा लिया। वहीं, जिला प्रशासन भी पीछे नहीं रहा. जिलाधिकारी श्रुति सिंह के आदेश से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश सिंह द्वारा सलामी गार्ड भेजे गए. सुबह आठ बजे आजादी के हीरक वर्ष में कमांडर को उनके समाधि स्थल पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पूरे दिन चले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, वक्ता और कार्यक्रम में पहुंचे लोग कमांडर को याद कर भावुक हो गए. और नई पीढ़ी को संघर्ष कर सीखने का संदेश दिया।

 

कमांडर के जीवन से जुड़ी फोटो प्रदर्शनी आयोजित

कमांडर को न सिर्फ श्रद्धांजलि दी गई, बल्कि क्रांतिकारियों और कमांडर के जीवन से जुड़ी फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित हुई. लाल सेना के योद्धा रहे अंगद सिंह के पुत्र दिनेश सिंह कुशवाह, जहीरूद्धीन के पौत्र मोहम्मद शकील, कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया के पौत्र सिद्धार्थ भदौरिया ने फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। स्मारक शिलापट्ट के नजदीक बांस पर सूतली के सहारे लगाई गई तस्वीरें सबको अपनी तरफ आकर्षित खींच रही थी। कमांडर के जीवन संघर्ष पर केंद्रित पचास तस्वीरों का चयन कर यहां प्रदर्शित किया गया था।

 

स्पीच कॉम्पटीशिन भी हुआ, ये रहे विजेता

‘कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया के सपनों का भारत’ विषय पर कनिष्ठ वर्ग में कक्षा-1 से 5 तक, मध्यम वर्ग कक्षा 6 से 12 तक, वरिष्ठ वर्ग समस्त अविद्यालयी बच्चे एवं नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। प्रातः 10 बजे से शुरू हुआ स्पीच कॉम्पटीशन दोपहर दो बजे तक चला। स्पीच कॉम्पटीशन में कनिष्ठ वर्ग में केंद्रीय विद्यालय की अनन्या, मध्य वर्ग में पान कुवर इंटर नेशनल स्कूल की आयुषी सिंह और वरिष्ठ वर्ग में केकेडीसी के सूर्यांश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

 

‘खूबसूरत चंबल’ पर पेंटिंग कॉम्पटीशन

खूबसूरत चंबल थीम पर पेंटिंग कॉम्पटीशन हुआ। इसमें चंबल घाटी के विविध पहलुओं को पेंटिंग कर कागज पर उकेरा गया था। कनिष्ठ वर्ग में बहादुरपुर प्राइमरी स्कूल के देवांश ने प्रथम, मध्यम वर्ग में नारायणा कालेज की नैंसी, वरिष्ठ वर्ग शिवाजी शिक्षा निकेतन के शिव शर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

मुरैना विधायक ने बांटे पुरस्कार

पुरस्कार वितरणः स्पीच कॉम्पटीशिन और पेंटिंग कॉम्पटीशन के लिए तीन सदस्यीय ज्यूरी नामित की गई थी, जिसमें शिक्षक राम जनम सिंह, मनोरमा चौहान, राहुल तोमर रहे। मुरैना विधायक रविन्द्र तोमर के हाथों सभी वर्गों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।

स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित

जिला आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग की तरफ से डॉ. मनोज दीक्षित के निर्देशन में डॉ. लोकेश कुमार सिंह को नोडल अधिकारी बनाकर डॉ. कल्पना राठौर एंव डॉ. कमल कुमार कुशवाहा के सहयोग से प्रातः 9 बजे से स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। कुल 270 मरीजों का परीक्षण कर निशुल्क दवाएं दी गईं। आसपास के दर्जनों गांवों की जुटी जनता को फार्मासिस्ट एके सिंह, भृत्य देवेन्द्र कुमार एवं प्रेमवीर सिंह के द्वारा दवा वितरण में सहयोग प्रदान किया गया।

चर्चा समारोह में शामिल हुए क्रांतिकारियों के वंशज

‘स्वतंत्रता संग्राम के रणबाँकुरे’ विषय पर चर्चा सत्र का आगाज क्रांतिकारी राजा निरंजन सिंह चौहान के वंशज मोहन सिंह चौहान, गुप्त क्रांतिकारी दल मातृवेदी के कमांडर-इन-चीफ गेंदालाल दीक्षित के वंशज डॉ. मधुसूदन दीक्षित, शहीद भगत सिंह के चार पार्टी केंद्रों के चीफ रहे क्रांतिवीर डॉ. गया प्रसाद के पुत्र क्रांति कुमार कटियार, चंबल घाटी के भगत सिंह नाम से सुविख्यात शहीद डॉ. महेश सिंह चौहान के अनुज देवेंद्र सिंह चौहान, राम नारायण आजाद रिवोल्यूनशरी ग्रुप के अगुवा शहीद पं. राम नारायण आजाद के पौत्र बाबी दुबे, कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की पुत्री कुसुमदास और बहु सुषमा भदौरिया ने साझे तौर पर दीप प्रज्जवलन कर किया।

गाथा और बलिदान कथा सुनकर निकले आंसू

चर्चा सत्र के मुख्य बक्ता चंबल घाटी के भगत सिंह नाम से सुविख्यात शहीद डॉ. महेश सिंह चौहान के अनुज इतिहासकार देवेंद्र सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम में पचनद घाटी के महानायकों के योगदान को रेखांकित करते हुए इसे आकाश गंगा की संज्ञा दी। बताया कि पचनदी घाटी की तासीर रही है कि वह कभी भी अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकती। स्वतंत्रता संग्राम के रणबाँकुरे चर्चा सत्र को संबोधित करते हुए 1857 के महानायक शहीद गंगू बाबा मेहतर के जीवनीकार देव कबीर ने कहा कि बगैर समृद्ध इतिहास के अच्छे भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती। मोहन सिंह चौहान ने अपने लड़ाका पुरखे राजा निरंजन सिंह चौहान का गौरवशाली इतिहास सबके सामने रखा। गुप्त क्रांतिकारी दल मातृवेदी के कमांडर-इन-चीफ गेंदालाल दीक्षित के वंशज डॉ. मधुसूदन दीक्षित ने कहा कि बड़े पैमाने पर क्रांतिकारियों के जीवन चरित्र को प्रकाशित कर नई पीढ़ी में उनके विचारों का संचार बेहद जरूरी है। शहीद भगत सिंह के चार पार्टी केंद्रों के चीफ रहे क्रांतिवीर डॉ. गया प्रसाद के पुत्र इं. क्रांति कुमार कटियार ने आजादी आंदोलन के दौरान अपनी पिता से जुड़े मार्मिक प्रसंगों को बताया, जिसे सुनकर आंसू निकल आए। राम नारायण आजाद रिवोल्यूनशरी ग्रुप के अगुवा शहीद पं. राम नारायण आजाद के पौत्र बाबी दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रिटिश खुफिया रिपोर्ट बताती है कि उस दौर में राम नारायण आजाद रिवोल्यूनशरी ग्रुप से फिरंगी सरकार के कारिंदे कितने खौफजदा थे।

स्वतंत्रता संग्राम के रणबाँकुरे चर्चा सत्र को सुरेशचंद्र जाटव, गुरू महाबल सिंह चौहान, वरिष्ठ पत्रकार गणेश ज्ञानार्थी, खादिम अब्बास, शेखर यादव, पूर्व अपर महाधिवक्ता राज बहादुर सिंह यादव, विधायक रविंद्र सिंह तोमर, डॉ. धर्मेंद्र, शिशुपाल शरद, राजवीर सिंह आदि ने भी संबोधित किया। सत्र की अध्यक्षता कुसुमदास और संचालन कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया स्मृति समारोह के संयोजक शाह आलम राना ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद भारत सरकार के उपक्रम नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा हाल में प्रकाशित उनकी आत्मकथा तथा उनके जीवन संघर्ष पर प्रकाशित पुस्तकों का वितरण भी उनके परिजनों द्वारा किया गया।

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